इस समय ऑस्ट्रेलिया के डिटेंशन सेन्टर में बंद इस ईरानी महिला का केस एक बार फिर चर्चा में है। मोजगन शाम्सलीपूर का रिफ्यूजी वीजा रिजेक्ट कर दिया गया है।
ब्रिस्बेन। मोजगन शासलीपूर ईरान में अपनी फैमिली के बीच रेप और टॉर्चर का शिकार होने के बाद शरण के लिए ऑस्ट्रेलिया भाग आई थीं। इस समय ऑस्ट्रेलिया के डिटेंशन सेन्टर में बंद इस ईरानी महिला का केस एक बार फिर चर्चा में है। मोजगन शाम्सलीपूर का रिफ्यूजी वीजा रिजेक्ट कर दिया गया है। अब इस केस में ऑस्ट्रेलिया के इमीग्रेशन मिनिस्टर ने भी दखल देने से मना कर दिया है। अब उसे वापस ईरान भेजने की तैयारी चल रही है।
इस लिए किया घर से भागने के फैसला
18 साल की मोजगन शाम्सलीपूर अपने घर में लगातार रेप और टॉर्चर का शिकार हो रही थी। इसके बाद जब उसकी शादी 60 साल से बुजुर्ग से तय कर दी गई, तब उसने ईरान से भागने का फैसला किया। 2012 में वो बोट से सफर कर ऑस्ट्रेलिया पहुंची और उसने रिफ्यूजी के तौर पर प्रोटेक्शन मांगी।
वीजा एप्लीकेशन रद्द
उसे ब्रिस्बेन में कम्युनिटी डिटेंशन में भेज दिया गया, जहां से उसने अपनी आगे की पढ़ाई जारी रखी। इसी डिटेंशन सेन्टर में उसकी मुलाकात मिलाद जाफरी से हुई, जिससे बाद में उसने शादी कर ली। मिलाद ईरानी रिफ्यूजी हैं और दो साल यहां रहने के बाद 2012 उन्हें और उनकी फैमिली को यहां रिफ्यूजी स्टेटस मिल गया। लेकिन मोजगन की रिफ्यूजी वीजा एप्लीकेशन रिजेक्ट कर दिया गया, क्योंकि उसने वीजा एप्लीकेशन में रेप और फोर्स्ड मैरिज की बात नहीं लिखी थी।
वापस घर भेजा जाएगा
लॉयर केविन कादिरगेमर के मुताबिक, मोजगन अपने रिफ्यूजी वीजा प्रोटेक्शन की एप्लीकेशन में जो बातें लिखी हैं, वो उसकी स्टोरी से बिल्कुल अलग हैं। मोजगन को इमीग्रेशन डिटेंशन में भेज दिया गया है और अब उसे ईरान वापस भेजने की तैयारी है। मोजगन का कहना है कि अगर उसे वापस भेजा गया तो उसे फिर अपने घर में रेप और टॉर्चर का शिकार होना पड़ेगा।
पति कर रहा मदद
वहीं, एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर मोजगन ईरान लौट जाए, तो उसका हसबैंड मिलाद पार्टनरशिप वीजा के लिए अप्लाई कर सकता है। हालांकि, मोजगन की मां उसे वॉर्निंग दी है कि घर लौटना उसके लिए सेफ नहीं होगा। मिलाद का कहना है कि वो अपनी वाइफ को छुड़ाने के लिए हर लीगल एक्शन का सामना करेगा। मोजगन कम्युनिटी सेंटर के जिस स्कूल में पढ़ रही थीं, वो भी डिटेंशन सेंटर से उसे छोडऩे के लिए कैंपेन चला रहा है।