म्यांमार तख्तापलट: चीन के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोग, सेना ने तैनात किए टैंक
HIGHLIGHTS
- Myanmar Military Coup: प्रदर्शनकारियों ने चीन के खिलाफ सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया। इधर, सेना ने प्रदर्शकारियों को कुचलने के लिए टैंक तैनात कर दिए हैं।
- यूरोपीय यूनियन, ब्रिटेन और कनाडा समेत 11 पश्चिमी देशों के दूतावासों ने एक बयान जारी अपील की है कि सुरक्षाबल हिंसात्मक कार्रवाई न करें।

यंगून। पड़ोसी देश म्यांमार में तख्तापलट के बाद से पूरे देश का माहौल तनावपूर्ण है और लोग बीते 9 दिनों से सड़कों पर उतरकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं और धीरे-धीरे लगातार यह प्रदर्शन तेज होता जा रहा है। अब प्रदर्शनकारियों के निशाने पर चीन गया है।
प्रदर्शनकारियों ने चीन के खिलाफ सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया। इधर, सेना ने प्रदर्शकारियों को कुचलने के लिए टैंक तैनात कर दिए हैं। रविवार की शाम को सेना ने देश के सबसे बड़े शहर यंगून, मयितकयिना और सितवे की सड़कों पर टैंक व अन्य आर्मड वीइकल तैनात कर दिए।
म्यांमार सेना की चेतावनी- तख्तापलट का विरोध किया तो 20 साल के लिए भेज देंगे जेल
इधर, कुछ इलाकों में गोलीबारी की भी खबरें आ रही है। बताया जा रहा है कि कचिन प्रांत के मयितकयिना में सुरक्षाबलों ने एक प्लांट के बाहर प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाई गई है। फेसबुक पर इस घटना को लाइव किया गया था। हालांकि लाइव फुटेज से ये स्पष्ट नहीं हो सका है कि सुरक्षाबलों ने रबर की गोलियां चलाई है या असली गोली थी।
सेना की ओर से प्रदर्शनकारियों पर की जा रही कार्रवाई को लेकर यूरोपीय यूनियन, ब्रिटेन और कनाडा समेत 11 पश्चिमी देशों के दूतावासों ने एक बयान जारी अपील की है कि सुरक्षाबल हिंसात्मक कार्रवाई न करें। बता दें कि बढ़ते प्रदर्शन के मद्देनजर म्यांमार में तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पाबंदियां लगाई जा रही है।
बिना वारंट गिरफ्तार करने का आदेश
बता दें कि तख्तापलट के खिलाफ व्यापक विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए सेना ने सड़कों पर टैंक और अन्य हथियारबंद वाहन तैनात कर दिए हैं। ऐसा पहली बार है जब तख्तापलट के बाद सड़क पर टैंक तैनात किया है। इधर सेना ने तख्तापलट के बाद कई नागरिक स्वतंत्रातओं को निलंबित कर दिया है और अधिकारियों को बिना वारंट तलाशी करने और गिरफ्तार करने के अधिकार दे दिए हैं।
म्यांमार: तख्तापलट के विरोध को रोकने के लिए इंटरनेट भी बंद, सड़कों पर उतरे हजारों लोग
मालूम हो कि प्रदर्शनकारियों ने यंगून, मांडले और राजधानी नेपीता के साथ-साथ दूरदराज़ के अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में भी प्रदर्शन किया। यांगून में भारी संख्या में प्रदर्शनकारी चीनी और अमरीकी दूतावासों के बाहर जमा हुए। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि चीन सैन्य सरकार की मदद कर रहा है जबकि सेना के खिलाफ कार्रवाई के लिए अमरीका की सराहना की।
Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें (Hindi News App) Get all latest Asia News in Hindi from Politics, Crime, Entertainment, Sports, Technology, Education, Health, Astrology and more News in Hindi