अमानवीय बरताव बर्दाश्त से परे
दरअसल, अमरीका ने भी रोहिंग्या मुस्लिमों पर हो रहे हमलों को धर्म के आधार पर जातीय सफाया बताया है। जिसके बाद संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस की ओर से आया बयान काफी मायने रखता है। गुटेरेस ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र को जानकारी मिली है कि म्यांमार में रोहिंग्या बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों के साथ अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है, जो किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। आपको बता दें कि 5 लाख से ज्यादा रोहिंग्या मुस्लिमों ने बांग्लादेश में शरण लिया है। अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, सेनेगल, मिस्र और कजाकिस्तान ने सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाई थी. इसी के दौरान महासचिव ने यह बातें रखी।
क्या है मामला
बता दें कि म्यांमार के रखाइन प्रांत में रोहिंग्या लोगों के खिलाफ बड़े स्तर पर सैन्य अभियान चलाया जा रहा है। हालांकि यह अभियान 25 अगस्त को भड़की उस हिंसा को रोकने के नाम पर शुरू किया गया था, जिसमें 9 जवानों की मौत हो गई थी। इसके बाद वहां की सरकार के कहने पर यह अभियान सुचारू रूप से शुरू कर दिया गया, जिसके अंतर्गत रोहिंग्या लोगों के साथ हिंसक बरताव कर उनको देश से बाहर खदेड़ा जा रहा है। जिसके चलते 5 लाख से अधिक रोहिंग्या शरणार्थी बोर्डर क्रॉस कर बांग्लादेश में शरण ले चुके हैं। बताया जाता है कि इस सैन्य अभियान के दौरान रोहिंग्या लोगों के साथ बर्बर व अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है, जिसके चलते न उनके घरों में आग लगाई जा रही है, पुरुषों का कत्ल किया जा रहा है व महिलाओं के साथ दुराचार जैसे मामले सामने आए हैं।