American Navy ने चीन की धमकियों का उड़ाया मजाक, कहा- इसके बावजूद हम यहां डटे मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ओली और प्रचंड के बीच रविवार को काफी देर तक चर्चा हुई। मगर यह बेनतीजा समाप्त हो गई थी। इसके बाद ओली ने चीनी राजदूत हाओ यांकी को इस विवाद को सुलझाने के लिए लगा दिया। यांकी ने ओली के विरोधी नेता पुष्प कमल दहल (Push Kamal dahal) के समर्थन में चल रहे कम्युनिस्ट पार्टी नेता माधव नेपाल से उनके घर पर मुलाकात की थी।
चीनी राजदूत के हस्तक्षेप का असर यही नहीं चीनी राजदूत ने नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ( Vidya devi bhandari) से भी खास मुलाकात की थी और नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी में चल रहे मतभेद को लेकर गहरी चिंता को व्यक्त किया। माना जा रहा है कि चीनी राजदूत के हस्तक्षेप के बाद पीएम ओली के भविष्य पर अहम बैठक की तिथि 8 जुलाई को रखी गई। इससे पहले प्रधानमंत्री ओली और सत्ताधारी नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ के बीच रविवार को एक अहम बैठक रविवार को विफल रही थी।
यांकी ने की माधव नेपाल से मुलाकात दोनों नेताओं ने कम्युनिस्ट पार्टी की बैठक से पहले अपने मतभेदों को दूर करने के लिए सोमवार को दोबारा मिलने का फैसला लिया था। ओली पर आए संकट को देखते हुए चीनी राजदूत हाओ यांकी ने माधव नेपाल से मिलकर उन्हें बचाने का प्रयास किया है। गौरतलब है कि नेपाल और झालानाथ खनल समेत वरिष्ठ नेताओं के समर्थन वाले प्रचंड की मांग है कि ओली पार्टी अध्यक्ष और प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दें।
45 सदस्यों वाली स्थायी समिति इस बार भी प्रधानमंत्री ओली और दोनों नेताओं के बीच कोई समझौता नहीं हो सका। उन्होंने कहा कि दोनों नेता अपने-अपने रुख पर पूरी तरह से अड़े रहे। शनिवार को भी 45 सदस्यों वाली स्थायी समिति की अहम बैठक को सोमवार तक के लिए टाला गया था। ताकि नेताओं के बीच मतभेद को दूर किया जा सके।