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पीएम की अभद्र टिप्पणीविपक्ष द्वारा लगभग एक सप्ताह तक संसद के अंदर इस मामले को उछालने और बाहर जनता के विरोध प्रदर्शन के बाद स्पीकर कृष्ण बहादुर महाराज ने प्रधानमंत्री के पी ओली द्वारा विपक्षी दलों के खिलाफ की गई सभी अपमानजनक और संसदीय टिप्पणियों को खारिज कर दिया। स्पीकर ने इन टिप्पड़ियों को सदन की कार्यवाही से बाहर निकालने का आदेश दिया। बताया जा रहा है पीएम ओली ने संसद के संयुक्त सत्र में राष्ट्रपति बिध्या देवी भंडारी के संबोधन पर बहस के दौरान विपक्ष के ऊपर कई तरह के अपमानजनक आक्षेप किए। स्पीकर ने उस समय इस टिप्पणी को सदन की कार्रवाई से निकालने विपक्ष की मांग को स्वीकार नहीं किया था। इसके बाद विपक्ष ने जोरदार हंगामा करना शुरू किया। विपक्षी नेताओं ने अध्यक्ष को “कायर” और कमजोर व्यक्ति के रूप में प्रदर्शित किया था।
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शून्य घोषित की गईं सभी टिप्पणियांसंसदीय सचिवालय ने एक सप्ताह बाद पुष्टि की कि गुरुवार को अध्यक्ष के निर्देश पर सभी टिप्पणियों को समाप्त कर दिया गया। इस दिन ओली वियतनाम और कंबोडिया की राजकीय यात्रा के लिए देश से बाहर गए थे। नेपाली कांग्रेस के नेता प्रकाशमान सिंह ने कहा, “ओली ने अपमानजनक और असंसदीय भाषा का इस्तेमाल करके सदन की प्रतिष्ठा को कम किया है।” दूसरी तरफ सत्तारूढ़ दल के सदस्यों ने ओली का समर्थन किया और विपक्ष के खिलाफ उनकी टिप्पणियों का समर्थन करते हुए कहा कि विपक्षी दल इसी के हकदार थे
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