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Nepal: पीएम KP Sharma Oli और प्रचंड के बीच गुपचुप समझौता, पार्टी के अंदर बढ़ा विवाद

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नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (Nepal Communist Party) के वरिष्ठ नेता माधव कुमार नेपाल ने पर्दे के पीछे इस समझौते को लेकर कड़ा विरोध जताया है।
माधव कुमार (Madhav Kumar) के खेमे का मानना है कि ओली के इस्‍तीफे की मांग छोड़कर प्रचंड ने उन्‍हें धोखा दिया है।

नई दिल्लीJul 20, 2020 / 11:27 am

Mohit Saxena

नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली और प्रचंड के बीच खींचतान जारी।

काठमांडू। नेपाल में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और पूर्व पीएम पुष्‍प कमल दहल के बीच बीते कुछ दिनों से बैठकों का दौर जारी है। बताया जा रहा है कि दोनों के बीच गुपचुप समझौता हुआ है और कहा गया है कि पार्टी की आम सभा की बैठक नवंबर/दिसंबर में बुलाई जाएगी। इस डील से अब और ज्यादा विवाद बढ़ गया है।
नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता माधव कुमार नेपाल ने पर्दे के पीछे इस समझौते को लेकर कड़ा विरोध जताया है। नेपाल की स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार शनिवार को ओली और प्रचंड के बीच राष्‍ट्रपति विद्या देवी भंडारी की मौजूदगी में समझौते पर सहमति बन गई थी। माधव कुमार के खेमे का मानना है कि ओली के इस्‍तीफे की मांग छोड़कर प्रचंड ने उन्‍हें धोखा दिया है।
इस्‍तीफे की मांग को नहीं उठाया

कम्‍युनिस्‍ट पार्टी के नेताओं का कहना है कि प्रचंड ने शनिवार को हुई बैठक में ओली से इस्‍तीफे की मांग को नहीं उठाया। रव‍िवार को माधव कुमार नेपाल और झालानाथ खनल समेत पार्टी के कई वरिष्‍ठ नेता प्रचंड के घर पहुंचे। उन्‍होंने ओली के साथ हुए समझौते पर कई सवाल दागे हैं। इसके बाद दबाव में आए प्रचंड ने पार्टी नेताओं से कहा कि नवंबर में आम सभा की बैठक को लेकर कोई समझौता नहीं हुआ है।
एनसीपी के प्रवक्‍ता नारायण काजी श्रेष्‍ठ के अनुसार प्रचंड ने कहा कि आम सभा की बैठक के प्रस्‍ताव को लेकर भ्रम है। कुछ सप्‍ताह पहले तक प्रचंड का खेमा माधव कुमार नेपाल और खनल की मदद से ओली के प्रधानमंत्री और पार्टी अध्‍यक्ष के पद से इस्‍तीफे की मांग कर रहा था। स्‍टैडिंग कमेटी के 44 में से 30 सदस्‍य ओली के खिलाफ थे। बताया जा रहा है कि ओली ने प्रचंड से वादा किया है कि वे जल्‍दी ही उन्‍हें पार्टी अध्‍यक्ष बनाए जाने का समर्थन करेंगे।
माधव कुमार नेपाल ने प्रचंड को धमकी दी

ऐसा कहा जा रहा है कि ओली और प्रचंड के बीच राष्‍ट्रपति की मौजूदगी में इस संबंध में गुपचुप एक लिखित समझौता हो गया है। इसके कारण माधव कुमार नेपाल के खेमे तनाव देखा जा रहा है। हालात इतने खराब हैं कि कि शनिवार को माधव कुमार नेपाल ने धमकी दी कि वे पार्टी नेतृत्‍व के खिलाफ जाएंगे। वे ओली तथा प्रचंड की सर्वाधिकारवादी नीतियों का खुलासा कर देंगे। इससे पहले प्रचंड और माधव दोनों ने ओली के खिलाफ जोरदार अभियान चलाया लेकिन अब माधव ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।
प्रचंड ने अब माधव कुमार और उनके समर्थकों को सफाई देना शुरू कर दिया है। वे कह रहे है कि उनके और ओली के बीच कोई समझौता नहीं हुआ है। प्रचंड के इस दावे से पार्टी के कई दिग्‍गज नेता सहमत नहीं हैं। स्‍टैंडिंग कमिटी के सदस्‍य तोप बहादुर रयामजी का कहना है कि वे कह सकते हैं कि दोनों के बीच समझौता हुआ है।

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