सीता दहल ( Sita Dahal ) पार्किसन जैसे लक्षण वाली दिमागी बीमारी से पीड़ित हैं। मुंबई के न्यूरोजेन ब्रेन एंड स्पाइन इंस्टीट्यूट में उनका इलाज होगा। प्रचंड के सहयोगी के मुताबिक, डॉ. आलोक शर्मा के नेतृत्व में डॉक्टरों की एक टीम उनका इलाज करेगी। बता दें कि इससे पहले सीता दहल अमरीका और सिंगापुर में भी अपना इलाज करवा चुकी हैं। पिछले सप्ताह से वह राजधानी काठमांडू के अस्पताल में भर्ती थीं।
इन सबके बीच पुष्प कमल दहल प्रचंड के भारत आने को लेकर नेपाल में सियासी घमासान भी तेज है। चूंकि मुंबई आने से पहले नेपाल में जारी सियासी संकट को खत्म करने के लिए पुष्प कमल भारत से मदद की गुहार लगा चुके हैं।
उन्होंने कहा था कि लोकतंत्र का हिमायती भारत पड़ोसी मुल्क नेपाल में लोकतंत्र की हत्या होते हुए देखकर कैसे चुप रह सकता है। प्रचंड ने कहा था कि भारत को सामने आना चाहिए और हस्तक्षेप करना चाहिए।
नेपाल में राजनीतिक अस्थिरता
आपको बता दें कि नेपाल में पिछले कई महीनों से राजनीतिक अस्थिरता बनी हुई है। पार्टी में वर्चस्व को लेकर नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली शर्मा और पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल के बीच तकरार काफी बढ़ गया। नौबत यहां तक आ पहुंची की प्रचंड गुट ने ओली से इस्तीफे की मांग के साथ दबाव बनाना शुरू कर दिया।
Nepal Political Crisis: चीनी प्रतिनिधिमंडल से मिलने के बाद पुष्प कमल दहल ने भारत से मांगी मदद
इसके बाद काफी गहमागहमी के बीच पिछले महीने पीएम ओली ने संसद भंग करने की सिफारिश कर दी। पीएम की सिफारिश पर राष्ट्रपति ने संसद को भंग करने की घोषणा कर दी। इसके बाद से चीन ने इस पूरे मामले में दखल देते हुए पार्टी के अंदर मचे घमासान और टूट को रोकने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल काठमांडू भेजा। लेकिन बात नहीं बनी और प्रचंड गुट ने चीन के प्रस्ताव को ठुकरा दिया। लिहाजा, अब भी नेपाल में राजनीतिक उथल-पुथल जारी है।