scriptNepal: ओली के बेतुके दावे को साबित करने में जुटा नेपाली पुरातत्व विभाग, थोरी गांव की करेगा खुदाई | Nepali Archaeological Department will dig for real Ayodhya in Thori | Patrika News

Nepal: ओली के बेतुके दावे को साबित करने में जुटा नेपाली पुरातत्व विभाग, थोरी गांव की करेगा खुदाई

locationनई दिल्लीPublished: Jul 17, 2020 11:31:31 am

Submitted by:

Mohit Saxena

Highlights

नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली (KP Sharma Oli) का कहना है कि बीरगंज के पास थोरी में भगवान राम का जन्म हुआ था।
नेपाल (Nepal) के पुरातत्व विभाग (DOA) ने क्षेत्र में अध्ययन को शुरू कराने के लिए सभी मंत्रालयों से बातचीत की।

Nepali Prime minister kP Sharma Oli

नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली।

काठमांडू। नेपाल (Nepal) के पीएम केपी शर्मा (KP Sharma Oli) ओली ने हाल ही में भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या (Ayodhaya) नेपाल के बीरगंल जिले के थोरी गांव (Thori Village) में होने का बेतुका दावा किया था। इसके बाद से नेपाल का पुरातत्व विभाग अपने यहां असली अयोध्या साबित करने के लिए खुदाई करने में जुटा हुआ है।
थोरी में भगवान राम का जन्म

हालांकि, इस निराधार टिप्पणी के लिए विभिन्न दलों के नेताओं ने ओली की आलोचना की है। ओली का कहना है कि बीरगंज के पास थोरी में भगवान राम का जन्म हुआ था। यही असली अयोध्या नेपाल में है। नेपाली मीडिया के अनुसार ओली की टिप्पणी के बाद नेपाल के पुरातत्व विभाग (डीओए) ने क्षेत्र में संभावित पुरातत्विक अध्ययन को लेकर विभिन्न मंत्रालयों के साथ चर्चा शुरू कर दी गई है।
पुरातात्विक अध्ययन शुरू करवाने की संभावना

डीओए के प्रवक्ता राम बहादुर कुंवर का कहना है कि बीरगंज के थोरी में पुरातात्विक अध्ययन शुरू करवाने की संभावना को लेकर विभाग विभिन्न मंत्रालयों से बातचीत कर रहा है। ओली के साथ नेपाल के विदेश मंत्री भी कह चुके है कि अगर खोज की जाए तो इतिहास बदल सकता है। उनका कहना है कि भगवान राम के समय के प्रमाण अभी हमारे सामने नहीं हैं।
पर्याप्त आधार हैं कि अयोध्या नेपाल में है

डीओए के महानिदेशक दामोदर गौतम के अनुसार पीएम ओली के बयान के बाद विभाग थोरी में पुरातात्विक अध्ययन शुरू करवाने को लेकर गंभीरता दिखा रही है। उन्होंने कहा कि विभाग विशेषज्ञों के साथ चर्चा करेगा और किसी नतीजे पर पहुंचेगा। पीएम ओली के बयान के बाद अध्ययन करना उनकी जिम्मेदारी हो गई है। हालांकि उनका कहना है कि वे ये दावा नहीं कर सकते हैं कि उनके पास पर्याप्त आधार हैं कि अयोध्या नेपाल में है।
प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने की मांग

इस बीच,नेपाल में राजनीतिक घमासान जारी है। पीएम ओली पर अब तक संकट टला नहीं है। गुरुवार को सत्ता में साझीदारी को लेकर नए सिरे से कोशिश के संबंध में पूर्व पीएम कमल दहल प्रचंड (Pushp Kamal Dahal) से हुई उनकी बातचीत विफल साबित हुई है। शुक्रवार को सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी की स्थायी समिति की अहम बैठक से पहले प्रचंड से वार्ता विफल होने का संकट बढ़ सकता है। इससे पहले ही उनकी पार्टी अध्यक्ष पद और प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने की मांग पर दबाव बनने लगा है। पीएम के आधिकारिक आवास में हुई इस बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल भी शामिल हुए।
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