scriptइजरायली पीएम ने बान की मून पर लगाया चरमपंथ को बढ़ावा देने का आरोप | Netanyahu says UN chief Ban Ki moon 'encouraging terror' | Patrika News

इजरायली पीएम ने बान की मून पर लगाया चरमपंथ को बढ़ावा देने का आरोप

Published: Jan 27, 2016 05:06:00 pm

फिलीस्तीन का जिक्र करते हुए मून ने कहा था कि पीडि़तों के लिए स्वाभाविक है कि वो किसी कब्जे के खिलाफ प्रतिक्रिया दें

Man Ki Moon

Man Ki Moon

येरुसलम। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने यूएन महासचिव बान की मून पर चरमपंथ को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। फिलीस्तीन का जिक्र करते हुए मून ने कहा था कि पीडि़तों के लिए स्वाभाविक है कि वो किसी कब्जे के खिलाफ प्रतिक्रिया दें क्योंकि यह नफरत और चरमपंथ को बढ़ावा देने का एक कारण भी बन जाता है।

सिक्युरिटी काउंसिल के संबोधन में मून ने फिलीस्तीनियों द्वारा इजरायलियों पर छुरे से हमला करने की घटनाओं की निंदा की। अक्टूबर से ही 155 से ज्यादा फिलीस्तीनी, 28 इजरायली, एक अमेरिकी और एक इरीट्रियाई नागरिक की मौत हिंसा की वजह से हो चुकी है। मून के इस बयान पर कमेंट करते हुए नेतन्याहू ने कहा, “यूएन जनरल सेक्रेटरी की टिप्पणी टेररिज्म को प्रोत्साहित करती है। जबकि टेररिज्म के लिए कुछ भी न्यायोचित नहीं होता है।”

फिलिस्तीनियों का संघर्ष आतंक है इजरायल के लिए?
जहां फिलीस्तीनी लेाग अपनी संप्रभुता के लिए इजरायल से संघर्ष कर रहे हैं, वहीं इजयराल इन्हें आतंकी गतिविधियों से जोड़ देता है। फिलीस्तीनियों द्वारा वैश्विक समुदाय से इजरायल के कब्जे का विरोध व अपने अधिकारों को स्वतंत्र कराने की अपील होती रही हैं। लेकिन इजरायल और उसके अमेरिका जैसे सहयोगी इसे औपनिवेशक क्षेत्र के रूप में कन्विन करते हैं। इजरायल से विरोध-प्रदर्शनों और जंग में अब तक हजारों फिलीस्तीनी मारे जा चुके हैं, इन्हीं विरोधाभास के बीच वहां चरंमपंथ पनपा।

पिछले दिनों इजरायल व फिलीस्तीन के बीच हिंसा की कई जानलेवा घटनाएं हुई हैं। सोमवार को एक 24 वर्षीय इजरायली वुमन पर वेस्ट बैंक में छुरे से हमला किया गया था। वहीं एक सुरक्षा गार्ड ने दो फिलीस्तीनी हमलावरों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। घटनाओं पर इजरायल का कहना है कि ज्यादातर मारे गए हमलावर फिलस्तीनी थे जबकि बाकी विरोध और संघर्ष के दौरान इजरायली सेना द्वारा मारे गए।, वहीं मून इन हालातों से काफी चिंतित हैं, ‘आधी सदी से कब्जे के बोझ और शांति प्रक्रिया के बाधित होने से फिलीस्तीनियों के बीच निराशा बढ़ रही है।’

इजरायल और फिलीस्तीन पर अमरीका की मध्यस्थता
इजरायल और फिलीस्तीन के बीच अमरीका समर्थित शांति वार्ता 2014 में रद्द हो गई। फिलीस्तीनियों ने यह शिकायत की है कि इजरायल उस जमीन पर बस्तियां बनवा रहा है जिसका दावा उन्होंने भविष्य में एक देश के निर्माण के लिए किया था। गौरतलब है कि पिछले कुछ दशकों में इजरायल-फिलीस्तीन विवाद होता रहा है, जिस पर यूएन में अमेरिका इजरायल के पक्ष में रहा है। इस मसले पर कई बार वीटो का इस्तेमाल हुआ है।

ट्रेंडिंग वीडियो