भारत सबसे असुरक्षित देशों में से एक
बताया जा रहा है कि वर्ष 2018 की बैठक जीईएफ ट्रस्ट फंड की सरकारों की ओर से 4.1 अरब डॉलर की पुन:पूर्ति को स्वीकृति दी गई थी। भारत, जलवायु परिवर्तन की चपेट में आने वाले विश्व के सबसे असुरिक्षत देशों में से एक है। साथ ही वह जीईएफ का दानकर्ता और प्रापक दोनों है। जीईएफ अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए एक साझेदारी है। इसके अंतर्गत वैश्विक पर्यावरण मुद्दों को हल करने के लिए 183 देश शामिल हैं।
जीईएफ की सीईओ व अध्यक्ष
परिषद की अपनी शुरुआती प्रतिक्रिया में जीईएफ की सीईओ व अध्यक्ष नाओको ईशी ने अपने बयान में कहा, ‘बीते कुछ महीनों से, अधिक से अधिक सबूत आगे रखे गए हैं कि हम वैश्विक पर्यावरण पतन पर युद्ध को नहीं जीत रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘कुछ पहलुओं में, हम और भी पीछे जा रहे हैं।’ वहीं जीईएफ की भूमिका पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा, ‘वैश्विक पर्यावरण पतन और जलवायु परिवर्तन के खिलाफ युद्ध में भागीदारी के हिस्से के रूप में जीईएफ 7 हमारे लिए एक शक्तिशाली उपकरण है।’ जीईएफ ने एक बयान में कहा, ’20 दिसंबर को समाप्त होने वाली 55वीं जीईएफ परिषद में तैयारियों, समर्थन और कार्यान्वयन को गति देने के लिए प्रस्तावित नई नीतिगत उपायों पर विचार किया जाएगा।’