नई दिल्ली। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) अब समझौता ब्लास्ट में लश्कर के रोल का पता लगाने में जुट गई है। इसके लिए एनआईए महानिदेशक शरद कुमार के नेतृत्व में एक हाई-लेवल टीम अमरीका पहुंच चुकी है। गौरतलब है कि अमरीका के खुलासे के बाद 2007 के समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट के तार पाकिस्तानी के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ गए हैं।
मालूम हो कि अमरीका के ट्रेजरी विभाग ने दावा किया था कि पाकिस्तान के कराची में रहने वाले आरिफ कसमानी ने समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट के लिए फंड जुटाया था। आरिफ लश्कर-ए-तैयाबा का चीफ कोऑर्डिनेटर है। इसी दावे के बाद डीजी शरद कुमार के नेतृत्व में एनआईए की टीम जांच के लिए अमेरिका गई है।
समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट में मारे गए थे 68 लोग-
बता दें कि समझौता एक्सप्रेस दिल्ली-लाहौर के बीच चलने वाली ट्रेन थी। 2007 में इस ट्रेन में हुए धमाके में हरियाणा के पानीपत के पास 68 लोग मारे गए थे। मारे जाने वाले लोगों में ज्यादातर पाकिस्तानी थे। इस मामले में साल 2010 नवंबर में गिरफ्तार किए गए स्वामी आसीमानंद पर आरोप तय किए गए थे। मालूम हो कि असीमानंद हैदराबाद की मक्का मस्जिद में हुए धमाकों और अजमेर दरगाह में हुए धमाकों में भी आरोपी है।