अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध का सामना कर रहा देश उत्तर कोरिया के स्थायी प्रतिनिधि जा सोंग-नाम ने एक सत्र के दौरान सुरक्षा परिषद से अपने परमाणु व मिसाइल कार्यक्रम के खतरे पर कहा, “प्योंगयांग आगे बढ़ेगा और दो मोर्चो पर एकसाथ आगे बढ़ने के साथ देश परमाणु व सैन्य स्तर पर विश्व का सबसे ताकतवर देश बनने के लिए काफी प्रगति की है।’ ‘दो मोर्चे’ पर आगे बढ़ने का मतलब उत्तर कोरिया द्वारा एक साथ सैन्य व आर्थिक क्षमता में आगे बढ़ना है, दोनों ही क्षेत्र अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंध का सामना कर रहे हैं।
अमरीका के किसी भी लक्ष्य को भेदने का रखता है दम जा सोंग नाम ने उत्तर कोरिया द्वारा 29 नवंबर को किए गए अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण को महान नवंबर समारोह ‘ग्रेट नवंबर इवेंट’ कहा, जिसने देश के परमाणु शक्ति ? व रॉकेट शक्ति कार्यक्रम को परिपूर्ण करने में मदद की। कहा जा रहा है कि यह मिसाइल अमरीका में किसी भी लक्ष्य को भेदने में सक्षम है और परीक्षण के दौरान यह देश के आर्थिक विशेष क्षेत्र की परिधि में जापान तट पर गिरा था।
विश्व के सबसे ताकतवर परमाणु व सैन्य शक्ति बनने का दंभ भरने के साथ ही जा ने कहा, “जब तक हमारे हितों को खतरा पैदा नहीं होता, प्योंगयांग किसी भी देश या क्षेत्र के लिए खतरा नहीं है।”उन्होंने हालांकि मिसाइल प्रौद्योगिकी प्रसार के संबंध में कुछ नहीं बोला।
पाकिस्तान ने उत्तर कोरिया को दी थी तकनीक अमरीकी अधिकारियों व अमरीकी और अंतर्राष्ट्रीय दस्तावेजों के अनुसार, पाकिस्तान व उत्तर कोरिया ने 1990 के दशक में एक समझौते के अंतर्गत, पाकिस्तान को उत्तर कोरिया से मिसाइल की तकनीक मिली थी और इसके बदले पाकिस्तान ने उत्तर कोरिया को परमाणु तकनीक दी थी।
उत्तर कोरिया से निपटने के लिए बहुत से हैं विकल्प अमरीकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने जे के बयान से पहले कहा था, “उत्तर कोरिया के परमाणु खतरे से निपटने के लिए सभी विकल्प टेबल पर हैं, जबकि प्योंगयांग के साथ संचार के सभी रास्ते भी खुले हुए हैं। टिलरसन ने कहा, “अमेरिका खुद की रक्षा के लिए सभी कदम उठाएगा, लेकिन साथ ही हमने बातचीत के दरवाजे भी खोल रखे हैं।”बाद में पत्रकारों से बातचीत करते हुए टिलरसन ने कहा, “वाशिंगटन प्योंगयांग से बातचीत के लिए किसी भी पूर्व शर्त को स्वीकार नहीं करेगा।”
किसी भी तरह की ढील स्वीकार नहीं चीन व रूस द्वारा अमरीका व दक्षिण कोरिया के संयुक्त युद्धाभ्यास गतिविधि को रोकने के बदले उत्तर कोरिया के परमाणु व मिसाइल गतिविधि पर रोक के प्रस्ताव पर उन्होंने कहा, “हम बातचीत के लिए पूर्व शर्त ‘फ्रीज-फॉर-फ्रीज’ को स्वीकार नहीं कर सकते।”उन्होंने कहा, “हम बातचीत की शर्त के अंतर्गत किसी भी तरह के प्रतिबंध पर ढील को स्वीकार नहीं कर सकते। हम बातचीत के लिए पूर्व शर्त के तहत उत्तर कोरिया में मानवीय सहायता की बहाली को भी स्वीकार नहीं करेंगे।”