scriptक्या उत्तर कोरिया के न्यूक्लियर परीक्षणों से भारत को खतरा है? | North Koreas nuclear tests a threat to Indias security | Patrika News

क्या उत्तर कोरिया के न्यूक्लियर परीक्षणों से भारत को खतरा है?

locationनई दिल्लीPublished: Dec 26, 2017 08:57:00 pm

Submitted by:

Navyavesh Navrahi

आखिर कौन जिम्मेदार है उत्तर कोरिया की बढ़ रही प्रमाणु शक्ति के लिए?

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जानकारों ने कहा- उत्तर कोरिया आखिर कहां से न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी ला रहा है, अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इसकी जांच करानी चाहिए।


उत्तर कोरिया में प्रमाणुतकनीक का प्रसार भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है। इसलिए इस बात की विस्तृत जांच होनी चाहिए कि उत्तर कोरिया न्यूकलियर टेक्नेलॉजी कहां से ला रहा है! बता दें, उत्तर कोरिया अपना दबदबा बनाने के लिए लगातार श्रृंख्लाबद्ध तरीके से न्यूकलियर मिसाइलों का परीक्षण कर रहा है।

शक्ति संपन्न हैं। इसलिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को चाहिए कि वे चीन, पाकिस्तान और उत्तर कोरिया के अंतरसंबंधों की जांच कराए। नाम न छापने की शर्त पर एक जानकार ने बताया कि उत्तर कोरिया के बारे में नई दिल्ली के रुख के बारे में सांसदों के एक समूह के साथ विचार विमर्श किया गया है।

16 जनवरी को होगी वैन्कूवर वार्ता

उत्तर कोरिया के मामले पर चर्चा करने के लिए 16 जनवरी को वैन्कूवर वार्ता होनी है, जिसे अमरीका आयोजित कर रहा है। भारत भी इसमें शामिल होगा। कैनेडा, फ्रांस, दक्षिण कोरिया और जापान भी इस वार्ता में शामिल होंगे। जानकारों के अनुसार नई दिल्ली की स्थिति ऐसे समय में और महत्वपूर्ण हो जाती है, जब ट्रंप शासन एक तानाशाही शासन के खिलाफ आधार तैयार कर रहा है। ऐसे शासन के खिलाफ जो अपने श्रंख्लाबद्ध प्रमाणु परीक्षणों के साथ दुनिया के अन्य देशों के लिए खतरा बन रहा है।

सुरक्षा परिषद ने भी लगाए हैं प्रतिबंध

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने भी किम जोंग-उन की ओर से हालिया बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्च करने के बाद उत्तर कोरिया के खिलाफ सख्त प्रतिबंधों को मंजूरी दे दी है। इस दौरान प्योंगयांग ने दावा किया था कि वह अमरीका में कहीं भी पहुंच सकता है। अमरीका ने चीन के साथ बातचीत के बाद इस प्रस्ताव का मसौदा तैयार किया। उत्तर कोरिया के निकटतम सहयोगियों का मानना है कि प्योंगयांग भारत की प्रमाणु टैक्नोलॉजी से संबंधित चितांओं से वाकिफ है, जो पाकिस्तान से जुड़ी हुई हैं।

हालांकि भारत ने प्रमाणु हथियार अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर नहीं किए हुए हैं। जबिक उत्तर कोरिया इस संधि पर हस्ताक्षर कर चुका है, लेकिन बाद में वे इस संधि से पीछे हट गया था।

दिल्ली में उत्तर कोरिया का दूतावास है, लेकिन भारत के साथ इसके संबंध नगन्य है। जबकि सरकार ने इसके शत्रु देशों दक्षिण कोरिया और जापान के साथ घनिष्ठ संबंध हैं।

प्योंगयांग की ओर से किए गए न्यूक्लियर परीक्षण के बाद 3 सितंबर को नई दिल्ली की ओर से जारी एक बयान में इसकी निंदा की गई थी। कहा गया था कि इससे अंतराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं का उल्लंघण हुआ है।

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