भारतीय मीडिया रिपोर्ट को करारा ‘मनगढ़ंत’
फवाद चौधरी ने शनिवार को उन भारतीय मीडिया रिपोर्ट को ‘मनगढ़ंत’ करार दिया, जिनमें जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के मुख्यालय का प्रशासनिक नियंत्रण पाकिस्तान सरकार द्वारा अपने हाथ में लिए जाने की बात कही जा रही है। मंत्री ने दावा किया कि वह केंद्र एक मदरसा है, जहां छात्र शिक्षा ग्रहण करते हैं और सरकार के कदम का कश्मीर आत्मघाती हमले से कोई लेना-देना नहीं है। आपको बता दें कि पाकिस्तान के गृह मंत्रालय की शुक्रवार को घोषणा के बाद चौधरी की यह टिप्पणी आई है। पहले मंत्रालय ने कहा था कि पंजाब प्रांत की सरकार ने बहावलपुर क्षेत्र में एक मस्जिद व मदरसा परिसर का प्रशासनिक नियंत्रण ले लिया है। इस परिसर को मसूद अजहर का जेईएम मुख्यालय माना जाता रहा है।
गृह मंत्रालय ने जारी किया था यह बयान
पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने कहा था, ‘पंजाब सरकार ने बहावलपुर में मदरसातुल साबिर और जामा-ए-मस्जिद सुभानल्लाह वाले एक परिसर का नियंत्रण ले लिया है, जो कथित रूप से जेईएम का मुख्यालय है। सरकार ने उसके मामलों के प्रबंधन के लिए एक प्रशासक भी नियुक्त किया है।’ लेकिन, चौधरी ने इस संबंध में सोशल मीडिया पर एक वीडियो संदेश जारी किया। उन्होंने इस वीडियो में कहा कि पंजाब की प्रांतीय सरकार ने नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल (एनएससी) बैठक के दौरान और नेशनल एक्शन प्लान (एनएपी) के हिस्से के रूप में बहावलपुर में मदरसातुल साबिर और जामा-ए-मस्जिद सुभानल्लाह का प्रशासनिक नियंत्रण लिया है।
चौधरी की सफाई
चौधरी ने कहा, ‘कल (शुक्रवार) एनएससी बैठक के दौरान यह तय किया गया कि एनएपी को पूर्ण रूप से लागू किया जाएगा। इस संबंध में कल कुछ कदम उठाए गए थे और आज (शनिवार) पंजाब सरकार ने बहावलपुर में एक मदरसे का प्रशासनिक नियंत्रण ले लिया।’ चौधरी ने कहा, ‘यह वह मदरसा है, जिस पर भारत प्रोपागेंडा चल रहा है और आरोप लगा रहा है कि यह जेईएम का मुख्यालय है। कल (रविवार) पंजाब सरकार मीडिया कर्मियों को मदरसे की यात्रा कराएगी और सभी को दिखाएगी कि यह कैसे काम करता है और सभी को सच्चाई दिखाएगी।’ आपको बता दें कि आतंकी समूह जैश-ए-मोहम्मद ने दावा किया है कि 14 फरवरी को पुलवामा आतंकी हमला उसी ने किया था। इसके बाद नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच तनाव बढ़ गया है। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे।
कश्मीर में हमले से कोई लेना-देना नहीं
चौधरी के मदरसा मामले पर बात करते हुए कहा, ‘मदरसे में करीब 700 छात्र पढ़ते हैं। इस कदम (प्रशासनिक नियंत्रण लेने) का कश्मीर में हमले से कोई लेना-देना नहीं है।’ उन्होंने कहा, ‘एनएपी हमारा अपना सुरक्षा दस्तावेज है, जिसपर सभी राजनीतिक दलों की सहमति है और हम इसे लागू कर रहे हैं।’