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अफगानिस्तान में अमरीका को मदद के नाम पाक कर रहा ब्लैकमेल, आर्थिक सहयोग को दोबारा शुरू करने की मांग

locationनई दिल्लीPublished: Jun 08, 2021 06:14:44 pm

Submitted by:

Mohit Saxena

अमरीकी प्रशासन पाक सेना प्रमुख जनरल बाजवा से लगातार बातचीत करने का प्रयास कर रहा है।

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नई दिल्ली। अमरीका अफगानिस्तान से इस साल के सितंबर माह तक अपनी पूरी सेना को वापस बुलाने की तैयारी कर रहा है। अमरीका लगातार कार्रवाई भी कर रहा है, मगर पाक की सहायता के बिना ऐसा कर पाना मुश्किल है। ऐसे में अमरीकी प्रशासन पाक सेना प्रमुख जनरल बाजवा से लगातार बातचीत करने का प्रयास कर रहा है।

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विशेषज्ञों की माने तो पाक उनकी मदद के नाम पर इस मौके का फायदा उठाने का प्रयास कर रहा है यानि मदद के नाम पर अपने बंद आर्थिक सहयोग को दोबारा शुरू करने की कोशिश में लगा है। पाक अमरीका को ब्लैकमेल करने में लगा हुआ है।

अमरीका पाकिस्तान में निवेश नहीं कर रहा

बीते माह पाक के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने एक बयान में कहा कि अमरीका पाक को अफगानिस्तान के चेहरे से देखना बंद करे। अमरीका पाकिस्तान में निवेश नहीं कर रहा है। ऐसे में द्विपक्षीय रिश्ते कैसे मजबूत हो सकेंगे। बीते मई माह में जनरल बाजवा ने भी सेना मुख्यालय में अमरीकी अधिकारियों से मुलाकात की।

कमी का फायदा लेना चाहता है पाक

दरअसल अमरीका अफगानिस्तान से जाने के बाद निगरानी के लिए पाकिस्तान-अफगान सीमा के पास एक एयर बेस चाहता है। पाक ने 9/11 हमले के बाद दो समझौतों के तहत अमरीका को अफगानिस्तान में आतंकियों के खिलाफ हमले के लिए अपना एयर बेस दिया था। बलूचिस्तान में शम्सी एयर बेस और सिंध के शाहबाज एयर बेस के उपयोग के लिए 2001 में एयर लाइन ऑफ कम्यूनिकेशन और ग्राउंड लाइन ऑफ कम्यूनिकेशन पर सहमति बनी थी। अमरीकी विमान और ड्रोन इन्हीं एयरबेस से अफगानिस्तान में हमले किए गए और जमीन पर मदद दी गई।

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2011 में ये दोनों करार रद्द कर दिये गए। इसके पीछे की वजह भारत के साथ अमरीका का करीब आना बतायागया। हालांकि अमरीका किर्गिस्तान, तजाकिस्तान और उज़्बेकिस्तान से भी एयर बेस की मांग पर बात कर रहा है। मगर सबसे सुविधाजनक पाक का ही ऐयरबेस है। ये अफगानिस्तान से सबसे करीब है।

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