रोकी गई है 30 करोड़ की मदद
आपको बता दें कि ट्रंप प्रशासन ने अपने ताजा निर्णय में पाकिस्तान को मुहैया कराई जाने वाली 30 करोड़ डॉलर की रकम रोक दी है। वहां की मीडिया ने ट्रंप के इस फैसले पर दो तरह की प्रतिक्रियाएं दी हैं। कुछ का कहना है कि अमरीका का ये फैसला भारत को खुश करने के लिए है, तो वहीं कुछ का कहना है कि अमरीका ने पाकिस्तान की कुरबानियों को नजरअंदाज किया है।
लेता रहा अरबों की मदद पर नहीं की कार्रवाई
कहा जा रहा है कि अमरीका पाकिस्तान की ओर से आतंकवाद के खिलाफ किसी ठोस कदम न उठाने के चलते ये फैसला किया है। पाकिस्तान अमरीका से अरबों डॉलर की मदद तो स्वीकार करता था लेकिन इसके बावजूद उसने अपने यहां पल रहे आतंकवादी नेटवर्क के खिलाफ कभी भी ठोस कार्रवाई नहीं की।
मोदी सरकार को खुश करने के लिए अमरीका का फैसला
वहां के एक अखबार ने इस फैसले की निंदा करते हुए लिखा है कि ट्रंप प्रशासन मोदी सरकार को खुश करने के लिए पाकिस्तान पर दबाव बनाए रखने की कोशिश कर रहा है। जिसके चलते हर एक दो महीने बाद ताश का एक नया पत्ता फेंक रहा है। वहीं एक अन्य अखबार ने लिखा है कि पाकिस्तान ने अमरीका के सहयोगी होने के नाते अबतक जो ‘सकारात्मक किरदार’ अदा किया है, ट्रंप प्रशासन उसे झुठलाने पर तुली हुई है।
पाकिस्तान नहीं मानेगा कोई गलत शर्त
पाक मीडिया में ये भी कहा जा रहा है कि अमरीकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो के पाक के दौरे से महज चार दिन पहले मदद रोकने का फैसला ये साफ दिखाता है कि इससे पाकिस्तान पर दबाव बनाया जा रहा है। अखबार के मुताबिक अमरीका ने अपनी मनमानी मांगें मनवाने के लिए ये फैसला किया है। लेकिन अब पाकिस्तान ने भी ठान लिया है कि किसी की कोई गलत शर्त स्वीकार नहीं करेगा।