आसिया को मिली थी जान से मारने की धमकी
आपको बता दें कि इस फैसले के बाद देशभर में के कई कट्टरपंथी गुटों और मानवाधिकार अधिवक्ताओं ने आसिया बीबी को जान से मारने की धमकी दी थी। इसके साथ ही देशभर में कई हिंसक प्रदर्शन भी हुए थे। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक शनिवार को शीर्ष अदालत ने एक मामले की सुनवाई के बाद यह आदेश सुनाया।
2009 के मामले में मिली थी फांसी की सजा
पाक के सुप्रीम कोर्ट ने अक्टूबर में एक एतिहासिक फैसला सुनाते हुए आसिया की फांसी की सजा को पलटकर उसे बरी कर दिया था। आसिया पर 2009 में ईशनिंदा का आरोप लगा था, जिसके लिए 2010 में निचली अदालत ने उन्हें दोषी करार देते हुए मौत की सजा सुनाई थी। चार साल बाद लाहौर हाई कोर्ट ने भी इस फैसले को बरकार रखा था।