नई दिल्ली। पाकिस्तान में एकबार फिर सेनिक शासन आ सकता है। वहां पर नवाज शरीफ की छवि एक बेबस और मजबूर प्रधानमंत्री की बन गई है। प्रधानमंत्री अपनी शर्तों पर दूसरे देशों से बात तक नहीं कर सकते। किसी देश से बातचीत करने से पहले उसका एजेंडा नवाज को सेना से मंजूर कराना होता है। अगर ऐसे ही हालात रहे तो सेना से उनका टकराव हो सकता है और उनकी कुर्सी जानी तय है। इसी के मद्देनजर पाकिस्तान में तख्तापलट की आशंका भी गहराती जा रही है।
पाक सेना प्रमुख का बढ़ा कद
पाकिस्तान में पिछले दो साल में सेना प्रमुख राहिल शरीफ ने अपना कद बहुत बढ़ा लिया है। क्या पाकिस्तान की विदेश नीति जनरल राहिल शरीफ तय करेंगे, क्या पाकिस्तान सरकार के फैसले जनरल राहिल शरीफ लेंगे? इन सवालों के जवाब पाकिस्तान में बन रहे माहौल में छिपे हैं। वहां के हालत ये है कि पाकिस्तान के कई शहरों में राहिल शरीफ के पोस्टर ऐसे लगाए जाते हैं जैसे वो कोई नेता हों। स्कूलों में, सरकारी दफ्तरों में राहिल शरीफ की तस्वीरों को प्रचारित किया जा रहा है। यहां तक की राहिल शरीफ की फोटो लगाकर घरेलू सामान तक बेचे जा रहे हैं। पाकिस्तान में मीडिया को भी कहा जा रहा है कि सेना के खिलाफ कोई बयानबाजी ना दिखाई जाए। राहुल शरीफ की बढ़ती लोकप्रियता के बीच सियासी हल्कों में प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की स्थिति लगातार कमजोर होती जा रही है।
सेना का नवाज पर दबाव
पाक प्रधानमंत्री होने के बावजूद नवाज शरीफ अपनी ही सरकार की नीतियों को लागू नहीं कर पा रहे। नवाज पाक सेना के दबाव में भारत के साथ बातचीत के दौरान कश्मीर मुद्दा नहीं छोड़ पा रहे। पाकिस्तान में कार्रवाई उन्हीं गुटों के खिलाफ हो रही है जिन्हें सेना निशाना बनाना चाहती है।
भारत विरोधी गुटों पर नरमी
पाकिस्तान में भारत के खिलाफ काम कर रहे आतंकी गुटों पर नरमी बरती जा रही है। अफगानिस्तान में हमले करने वाले तालिबानी गुटों पर कार्रवाई नहीं की जाती है। हक्कानी नेटवर्क को हर तरह की मदद की जाती है। इससे साफ जाहिर है कि नवाज शरीफ जोखिम भरे फैसले लेने से डरे हुए हैं। उन्हें भी तख्तापलट होने की आशंका सता रही है। तख्तापलट का पाकिस्तान का अपना इतिहास रहा है। नवाज शरीफ के लिए मुश्किल ये है कि पाकिस्तान की जनता भी राहिल शरीफ की फैन है। ट्विटर पर राहिल शरीफ के समर्थन में बातें ट्रैंड कराई जाती हैं। राहिल शरीफ का कार्यकाल बढ़ाने की मांग की जाती है। वैसे इसमें पाकिस्तान सेना के हाथ से भी इनकार नहीं किया जा सकता।