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इमरान सरकार के खिलाफ विपक्ष की मोर्चेबंदी, फजलुर रहमान के बाद बिलावल ने दी आन्दोलन की धमकी

locationनई दिल्लीPublished: Oct 08, 2019 09:42:16 pm

Submitted by:

Anil Kumar

JUIF के प्रमुख फजलुर रहमान ने इमरान सरकार के खिलाफ 27 अक्टूबर को मार्च निकालने की एलान किया है
बिलावल भुट्टो ने भी इमरान सरकार के खिलाफ आन्दोलन करने की चेतावनी दी है

Bilawal Bhuto

इस्लामाबाद। कश्मीर मामले पर दुनिया भर में मात खा चुके पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को अब अपने ही घर में भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है। विपक्षी दल लगातार इमरान सरकार को निशाना बना रहे हैं और सत्ता से बेदखल करने के लिए अभियान चला रहे हैं। अब पाकिस्तान में इमरान सरकार के खिलाफ राजनैतिक माहौल लगातार गर्म होता जा रहा है।

पहले विपक्षी दल जमियत उलेमाए इस्लामी-फजल के नेता मौलाना फजलुर रहमान के इमरान सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला और अब पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के नेता बिलावल भुट्टो जरदारी ने भी चेतावनी दी है कि उनकी पार्टी राजधानी इस्लामाबाद में धरने पर बैठ सकती है।

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विपक्षी दलों के हमलों से परेशान इमरान सरकार के मंत्रियों ने भी बयानों का ढेर लगाना शुरू कर दिया है। पाकिस्तान के गृह मंत्री एजाज शाह ने कहा है कि किसी माई के लाल में इतनी हिम्मत नहीं है कि वह सरकार को गिरा सके।

इससे पहले बिलावल ने मौलाना फजल के आंदोलन का समर्थन किया था लेकिन कहा था कि वह सरकार गिराने के लिए धरने जैसे ‘गैर लोकतांत्रिक’ तरीकों का समर्थन नहीं करते।

हालांकि अब उन्होंने कहा है कि अगर देश में लोकतांत्रिक अधिकारों व मानवाधिकारों पर हमले जारी रहेंगे तो फिर हम भी धरने पर बाध्य हो जाएंगे, अगर विपक्षी नेताओं को जेल में रखा गया तो हम भी मौलाना की तरह सख्त कदम उठाने पर मजबूर हो जाएंगे।

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सरकार ने की विपक्षी दलों के आन्दोलन की आलोचना

बता दें कि अडियाला जेल के बाहर बिलावल ने मीडिया से यह बातें करते हुए सरकार के खिलाफ आन्दोलन की बात कही है। अडियाला जेल में बंद अपने पिता और पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी से मिलने पहुंचे बिलावल ने सरकार पर कई आरोप लगाए।

बिलावल ने कहा कि उनका हमेशा से यह मानना रहा है कि किसी निर्वाचित सरकार को धरने के जरिए हटाने से व्यवस्था को नुकसान पहुंचता है और यह लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। लेकिन, अगर देश में तहरीके इंसाफ पार्टी की सरकार का लोकतांत्रिक अधिकारों, मानवाधिकारों व विपक्षी नेताओं पर हमला जारी रहा तो वह भी इस कड़े कदम को उठाने के लिए बाध्य हो जाएंगे।

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दूसरी ओर, पाकिस्तान के संघीय गृह मंत्री एजाज शाह ने विपक्षी आंदोलन की आलोचना करते हुए कहा है कि किसी माई के लाल में यह ताकत नहीं है जो इमरान सरकार को गिरा सके।

उन्होंने इस्लामाबाद में संवाददाताओं से कहा कि मौलाना फजल 27 अक्टूबर को इस्लामाबाद नहीं आएंगे, यह समय सही नहीं है। सरकार को जनता ने चुना है, जब तक उसका विश्वास सरकार में है, इसे कोई हटा नहीं सकता।

गौरतलब है कि मौजूदा प्रधानमंत्री इमरान खान ने विपक्ष में रहने के दौरान नवाज शरीफ सरकार के खिलाफ ऐसे ही धरने का सहारा लिया था जिसमें हिंसा हुई थी। इस बारे में बातचीत के दौरान शाह ने परोक्ष रूप से माना कि वह धरना भी गलत था।

उन्होंने कहा, ‘जब इमरान इस्लामाबाद आए थे तो वह वक्त कुछ और था। सही वक्त पर गलत काम भी चल जाता है। मौलाना फजल के इस्लामाबाद आने का वक्त सही नहीं है।’

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