एशिया

अफगानिस्तान में भारत की ‘एंट्री’ वाली पेशकश से पाक को लगी मिर्ची, अलापा क्षेत्रीय असंतुलन का राग

डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को दिया था IS के खिलाफ जंग में साथ आने का न्यौता
पाकिस्तानी विशेषज्ञों से हजम नहीं हुई ट्रंप की पेशकश

Aug 23, 2019 / 02:12 pm

Shweta Singh

काबुल। अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उस वक्त दुनिया को चौंका दिया, जब उन्होंने अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट (IS) के खिलाफ जंग में भारत को साथ लेने की बात कही थी। ट्रंप ने इस लड़ाई में भारत समेत कई देशों को साथ आकर मुकाबला करने का न्यौता दिया था। हालांकि, ट्रंप के ऐलान में भारत के जिक्र से पाकिस्तान को मिर्ची लग रही है।

पाकिस्तान अपने रक्षा के लिए सक्षम

ट्रंप द्वारा IS के खिलाफ जंग में भारत की प्रभावकारी भूमिका की बात से पाकिस्तान की चिंता बढ़ गई है। पाक के सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान अफगानिस्तान में अपने हितों की रक्षा करने के काबिल हैं। एक विशेषज्ञ ने इस बारे में बयान देते हुए कहा कि वे भारत को पाकिस्तान के हितों को नुकसान नहीं पहुंचाने देंगे।

क्षेत्रीय संतुलन पर पड़ेगा असर: पाकिस्तान

अमरीका की ओर से इस संबंध में भारत को दिए न्योते पर पाकिस्तान के सुरक्षा विशेषज्ञ कमर चीमा ने नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि इस कदम से क्षेत्रीय असंतुलन बढ़ेगा। चीमा ने कहा IS के खिलाफ संघर्ष के लिए क्षेत्रीय संतुलन सबसे अहम है। साथ ही इसके लिए सार्क का पुर्नगठन और मजबूत होना भी जरूरी है। इस मसले का इस्तेमाल किसी भी देश को अपने हित में नहीं करने दिया जाएगा।

क्या कहा था ट्रंप ने?

गौरतलब है कि वाइट हाउस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान ट्रंप ने कहा था कि अफगानिस्तान में आतंकी संगठनों से लड़ाई में भारत के साथ रूस, तुर्की, इराक और पाकिस्तान को भी साथ देना चाहिए। ट्रंप ने सवाल उठाए कि सात हजार मील से अमरीका अफगानिस्तान में आतंकियों से लोहा ले रहा है। मगर बाकी देश मूक दर्शक बने देख रहे हैं, उनका सहयोग बिल्कुल नहीं मिल रहा है। जहां कहीं भी आईएसआईएस की मौजूदगी है, किसी न किसी समय उन देशों को उनसे लड़ना होगा।

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