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पाकिस्तान: हिंदू विरोधी टिप्पणी करने वाला नेता दोबारा बना सूचना मंत्री, पार्टी में हो रहा विरोध

locationनई दिल्लीPublished: Dec 04, 2019 11:54:30 am

Submitted by:

Shweta Singh

पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री उसमान बजदर ने सौंपा मंत्रालय
पार्टी के ही हिंदू नेता ने इस फैसले पर जताई आपत्ति

pakistan minister fayyazul hassan chohan

लाहौर। पाकिस्तान में सत्तारूढ़ तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के नेता फैयाज उल हसन ने कुछ समय पहले हिंदू विरोधी टिप्पणी की थी। अब पार्टी ने दोबारा उन्हें सूचना मंत्री का पद सौंप दिया। अब पार्टी के सांसद और हिंदू समुदाय के वरिष्ठ नेता डॉ. रमेश कुमार ने फैयाज उल हसन को एक बार फिर से पंजाब का सूचना मंत्री बनाए जाने पर सवाल उठाते हुए कहा कि इससे ‘गलत संदेश’ जाएगा। बता दें कि हसन को सोमवार को पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री उसमान बजदर ने एक बार फिर से प्रांत का सूचना मंत्री बनाया। उनके पास कॉलोनी मंत्रालय का प्रभार भी है।

बालाकोट एयरस्ट्राइक के वक्त की थी हिंदू विरोधी टिप्पणी

पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा पाकिस्तान स्थित बालाकोट के आतंकी शिविरों पर हमले के बाद मार्च में हसन ने हिंदू विरोधी टिप्पणी की थी। इस पर जमकर हंगामा मचा था और खुद प्रधानमंत्री इमरान खान ने इसे अस्वीकार्य बताया था। इसके बाद हसन ने अपनी टिप्पणी पर माफी मांगते हुए कहा था कि वह भारतीय कहना चाह रहे थे लेकिन हिंदू निकल गया था। उस वक्त विवाद बढ़ने के कारण उन्हें सूचना मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।

दो महीने में ही हो गई थी पंजाब मंत्रिमंडल में वापसी

दो ही महीने के अंदर हसन की एक बार फिर पंजाब मंत्रिमंडल में वापसी हो गई और उन्हें कॉलोनी मंत्री बनाया गया और अब इसके साथ उन्हें एक बार फिर से पहले की ही तरह प्रांत का सूचना मंत्री बना दिया गया है। इस पर डॉ. रमेश कुमार ने कहा कि यह प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार है कि वह किसी को भी किसी भूमिका के लिए चुनें। लेकिन ‘पहले से ही परख लिए गए इंसान को फिर से परखने’ का अर्थ यह है कि इस समय पार्टी के पास ऐसे लोग नहीं हैं जो इस पद के लिए अधिक बेहतर होते।

उनकी टिप्पणियां किसी भी अच्छे इंसान को स्वीकार्य नहीं

हसन की टिप्पणी के खिलाफ जोरदार आवाज उठा चुके कुमार ने कहा कि ‘नकारात्मक सोच’ रखने वाले व्यक्ति को यह पद नहीं दिया जाना चाहिए था। इससे पहले बतौर सूचना मंत्री उनकी (हसन की) भूमिका बहुत नकारात्मक रही थी और उनकी टिप्पणियां किसी भी अच्छे इंसान को स्वीकार्य नहीं हो सकतीं। यह प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार है लेकिन इससे गलत संदेश जाएगा।

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