प्रतिबंध हटाने का फैसला लिया गौरतलब है कि पाकिस्तान दूरसंचार प्राधिकरण (पीटीए) ने गुरुवार को प्रॉक्सिमा बीटा (पीबी) कंपनी से गेमिंग प्लेटफॉर्म के दुरुपयोग को बंद करने के आश्वासन मिलने के बाद PUBG से प्रतिबंध हटाने का फैसला लिया है। ऐसा कहा जा रहा है कि भारत और कई अन्य देशों में पहले ही चीनी कंपनियां बैन और कई अन्य तरह के प्रतिबंध झेल रही हैं।
खामियों को दूर करने का आश्वासन दिया कंपनी के अनुसार इससे एक गलत संदेश जा रहा था। पबजी की पैरेंट कंपनी प्रॉक्सिमा बीटा (पीबी) के प्रतिनिधियों ने गेमिंग प्लेटफॉर्म की खामियों को दूर करने का आश्वासन दिया है। इसके दुरुपयोग को रोकने के लिए पर्याप्त उठाए गए कदमों पर पीटीए ने संतुष्टि जाहिर करते हुए बैन को वापस ले लिया है।
चीन के दबाव में बदला रुख पब्जी बैन करने को लेकर पाकिस्तान टेलीकम्यूनिकेशन अथॉरिटी ने ही अदालत में सबूत दिए थे। उन्होंने कहा था कि इस ऑनलाइन गेम की वजह से युवाओं के दिमाग पर गंभीर असर पड़ रहा है। इससे न सिर्फ उन पर मानसिक दबाव पड़ रहा है, बल्कि इसके कई दुष्प्रभाव भी सामने आए हैं। पीटीए का कहना है कि इस गेम के दबाव के कारण पाकिस्तान में कई युवाओं में आत्महत्या के मामले सामने आए हैं।
मंत्रालय ने अदालत में दलील दी थी कि पबजी गेम में कुछ ऐसे कुछ चीजे सामने आईं हैं जो इस्लाम विरोधी हैं। इसकी पाकिस्तान में इजाजत नहीं दी जा सकती है। ऐसा कहा जा रहा है कि पाकिस्तान में युवाओं इस बैन को लेकर कड़ा विरोध जताया है।
टिकटॉक भी खतरे में इसी तरह पाकिस्तान में टिकटॉक को बैन करने को लेकर भी अर्जी दाखिल की गई है। अर्जी में कहा गया है कि टिकटॉक के जरिए इस्लाम विरोधी कंटेंट को सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है। उधर इमरान खान की पार्टी तहरीक ए इंसाफ पाकिस्तान को चुनावों में नुकसान का डर भी है। कई सर्वे में सामने आ रहे हैं, जिसमें पबजी और टिकटॉक बैन उनके खिलाफ जा सकता है।