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कंगाली के कगार पर पहुंचा पाक: खत्म होने वाले हैं डॉलर, जनरल बाजवा की हालत खस्ता

Published: Oct 13, 2017 02:19:20 am

Submitted by:

Rahul Chauhan

पाकिस्तान के वो जनरल भी अब हाथ खड़े कर रहे हैं, जो कल तक दूसरों को तबाह करने, मुंहतोड़ जवाब देने और आंखें दिखाने की डीगें हांकते थे।

करांची: पाकिस्तान की कंगाली की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। पाकिस्तान के पास तीन महीने के आयात के डॉलर ही बचे हैं। 12 से 16 हफ्ते में पाकिस्तान के डिफॉल्टर होने की पूरी संभावना है। पाकिस्तान के वो जनरल भी अब हाथ खड़े कर रहे हैं, जो कल तक दूसरों को तबाह करने, मुंहतोड़ जवाब देने और आंखें दिखाने की डीगें हांकते थे। ये बात वैसी ही है, जैसे घर में नहीं दाना पर दूसरों को आंखें दिखाना।
कंगाली के रास्ते पर पहुंचकर पाकिस्तान बेचैन है, क्योंकि आतंकियों की फैक्ट्री चलाने वाले पाक को डर ये है कि आने वाले दिनों में उसका दिवाला निकलने वाला है। खुद पाकिस्तान के जनरल ने हाथ खड़े कर दिए हैं। पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा ने कराची में कहा कि पाकिस्तान के कर्जे आसमान छू रहे हैं, सिर्फ सैन्य ताकत के बल पर कोई देश नहीं चलता।
रूस के पास सैन्य ताकत की कमी नहीं थी, लेकिन कमज़ोर आर्थिक हालत की वजह से वो टूट गया। जो कल तक सबको आंखें दिखा रहे थे, वो आज खुद खौफ में हैं क्योंकि आतंक की फैक्ट्री से खून खराबा तो मिलता है लेकिन डॉलर नहीं मिलते, जिनकी पाकिस्तान को अपना कर्ज चुकाने के लिए ज़रूरत है। नहीं तो डिफॉल्टर होने में देर नहीं लगेगी।
जो देश कटोरा लेकर दुनिया के सामने खड़ा है। वो दूसरों को आंखें दिखाने की बेशर्मी कैसे कर सकता है। यही वजह है कि पाकिस्तान वर्ल्ड बैंक से लेकर आईएमएफ और अमरीका के सामने गिड़गिड़ा रहा है। लेकिन क्या पाकिस्तान दिवालिया होने के कगार पर आने के बावजूद अपने पालतू आतंकवादियों को खत्म करने की चेतावनी को मानेगा।
ये अब भी बड़ा सवाल है क्योंकि पाकिस्तानी सेना के जनरल इन आतंकवादियों को नेता बनाकर सेट करने में जुटे हैं और घर में दाना ना होने के बावजूद दूसरों को आंखे दिखाना, अब इनकी आदत में शुमार हो चुका है, उन्हें लगता है कि चीन हमें बचा लेगा।
लेकिन आतंकवादियों की फैक्ट्री चलाने वाला पाकिस्तान ऐसा कभी कर पाएगा। ये सोचना अभी दूर की बात है। क्योंकि कंगाल औऱ दिवालिया पाकिस्तान उन आतंकवादियों से आबाद है। जिन आतंकवादियों को वो अपने हथियार मानता है और दूसरे देशों के खिलाफ इस्तेमाल करता है।
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