दो जनवरी को पठानकोट वायुसेना अड्डे पर आतंकवादी हमले के सिलसिले में पाकिस्तान ने कार्रवाई करते हुए जैश के कई मदरसों को बंद किया है।
इस्लामाबाद। पठानकोट में दो जनवरी को भारतीय वायुसेना के अड्डे पर हुए आतंकवादी हमले के संबंध में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर और अन्य संदिग्धों से संयुक्त पूछताछ के भारत के प्रस्ताव को पाकिस्तान ने सिरे से नकार दिया है। पाकिस्तान के उच्च पदस्थ सूत्रों ने यह जानकारी दी।
द नेशन की रिपोर्ट के अनुसार, दो जनवरी को पठानकोट वायुसेना अड्डे पर आतंकवादी हमले के सिलसिले में पाकिस्तान ने कार्रवाई करते हुए जैश के कई मदरसों को बंद किया है। गौरतलब है कि मसूद अजहर को 1999 में अगवा इंडियन एयरलाइंस के विमान के 155 यात्रियों को छुड़ाने के बदले में भारत की जेल से रिहा किया गया था। पाकिस्तान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारत मसूद अजहर और उसके भाई मुफ्ती अब्दुल रहमान रऊफ से पूछताछ के लिए अपने जांचकर्ताओं का एक दल भेजना चाह रहा था, लेकिन पाकिस्तान ने विनम्रता के साथ इसे नामंजूर कर दिया।
पाक अधिकारी के मुताबिक, पाकिस्तान ने भारत से कहा है कि वह पूरी गंभीरता से मामले की जांच कर रहा है। अगर कोई दोषी पाया गया तो उस पर कार्रवाई होगी। अधिकारी ने कहा कि भारत चाहता है कि मसूद अजहर और हाफिज सईद को उसे सौंप दिया जाए लेकिन पाकिस्तान एक से अधिक बार इससे मना कर चुका है। अब भारत ने कहा कि कम से कम उसे इनसे पूछताछ करने की इजाजत दी जाए। हमने उन्हें बता दिया है कि यह मुमकिन नहीं है।
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि पठानकोट हमले के सिलसिले में अधिकारी भारत के संपर्क में हैं और ताजा जानकारियां उसे दे रहे हैं। पाकिस्तान पठानकोट हमले के मामले में पहले ही शुरुआती रिपोर्ट भारत को सौंप चुका है। रपट के मुताबिक हमलावरों ने जिन मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल किया, वे पाकिस्तान में पंजीकृत नहीं थे। अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान, भारत द्वारा दी गई जानकारियों के आधार पर यह पता लगा रहा है कि क्या इस हमले में उसकी जमीन का इस्तेमाल किया गया।