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Pakistan: रमजान के माह में बढ़े कोरोना के मामले, धार्मिक नेताओं ने Imran सरकार से ईद पर प्रतिबंध हटाने की मांग की

locationनई दिल्लीPublished: May 22, 2020 09:38:46 am

Submitted by:

Mohit Saxena

शक्तिशाली इमामों ने सरकार पर दबाव बनाकर लोगों को मस्जिदों में प्रार्थना करने की इजाजत मांगी थी, यहां (Social distancing) का पालन नहीं हुआ।
बीते माह पाकिस्तान (Pakistan) में कोरोना वायरस (Coronavirus) के 12000 मामले सामने आए थे। वहीं अब ये 48000 के पार पहुंच चुके हैं।

imran khan

पाकिस्तान में कोरोना वायरस तेजी से पांव पसार रहा है।

इस्लामाबाद। पाकिस्तान (Pakistan) में रमजान का माह कोरोना अलर्ट साबित हुआ है। यहां कोरोना वायरस (Coronavirus) के मामले तेजी से बढ़े हैं। मुख्य शहरों जैसे रावलपिंडी, कराची और लाहौर में महामारी ने अपनी रफ्तार पकड़ ली है। एक रिपोर्ट के अनुसार यहां के शक्तिशाली इमामों ने सरकार पर दबाव बनाकर लोगों को मस्जिदों में प्रार्थना करने की इजाजत मांग ली थी। स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चेतावनी को दरकिनार लोग इस दौरान मस्जिदों में बिना किसी सोशल डिस्टेसिंग (Social distancing) का पालन करते हुए पहुंचे, जिसके कारण यहां पर कोरोना की रफ्तार में तेजी आई है।
यहां के शक्तिशाली मौलान हाफिज मुहम्मद इकबाल रिजवी का कहना है कि मस्जिद इबादत की जगह है। ऐसे में ये हमारी जिम्मेदारी बनती है कि यहांं पर ज्यादा से ज्यादा लोग पहुंचें। बीते माह पाक में कोरोना के 12000 मामले सामने आए थे। वहीं अब ये 48000 के पार पहुंच चुके हैं। यह बढ़ोतरी 30 प्रतिशत अधिक बताई जा रही है। यहां पर अब तक एक हजार लोगों की अब तक मौत हो चुकी है। इसके बावजूद यहां की सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले के दौरान कहा है कि पाक में कोरोना को महामारी की तरह नहीं देखा जा सकता है। ऐसे में लॉकडाउन लगाने से आर्थिक गतिविधियों पर गहरा असर पड़ेगा। कुछ धार्मिक नेताओं ने पाक सरकार से मांग की है कि वह ईद की छुट्टियों में सभी तरह के प्रतिबंध को हटा लें।
वहीं धार्मिक समारोह पर लगाई पाबंदी को अगर वैश्विक नजरिए से देखें तो हम पाएंगे कि अन्य मुस्लिम देश पाकिस्तान से अलग राय रखते हैं। सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र, जॉर्डन और तुर्की में, मस्जिदों को रमजान के दौरान बंद कर दिया गया ताकि कोरोनो वायरस के प्रसार को रोका जा सके और वहीं ईद के दौरान कर्फ्यू की योजना बनाई गई है।
कराची में एक धार्मिक नेता मुफ्ती मुहम्मद हनीफ कुरैशी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि लोग बड़ी संख्या में ईद की नमाज में भाग लेंगे। “हम सरकार से किसी भी टकराव से बचने की मांग करते हैं,” ऐसे में जनता को खुली छूट दी जाए।
पाकिस्तानी मेडिकल एसोसिएशन के महासचिव कैसर सज्जाद देश भर के डॉक्टरों और अस्पताल निदेशकों के संपर्क में हैं। उनका कहना है कि चिकित्सा समुदाय इस बात से बेहद चिंतित है कि अगर लाकडाउन पूरी तरह से हटा लिया गया तो देश में महामारी का ग्राफ तेजी से बढ़ेगा। उनका कहना है कि यह बहुत बुरा समय है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में चिकित्सा सेवाओं के हालात काफी खराब हैं। ऐसे में महामारी ज्यादा फैलने पर मौत के आंकड़ों में भी तेजी आएगी।
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