सेना और इमरान सरकार के बीच मतभेदों की चर्चाओं ने जोर पकड़ा लिया है। हालांकि इन चर्चाओं के बीच पाकिस्तानी सेना ने खुद सामने आकर कहा है कि उसका सरकार से किसी तरह का कोई मतभेद नहीं है।
पाकिस्तान: खतरे में इमरान सरकार! अनिश्चितता के बादल बरकरार
पाकिस्तानी सेना की मीडिया शाखा इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशन्स (ISPR) के प्रमुख मेजर जनरल आसिफ गफूर ने कहा कि सरकार और फौज के बीच कोई मतभेद नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और सैन्य प्रमुख लगातार एक-दूसरे के संपर्क में बने हुए हैं और इनके बीच मुलाकातें होती रहती हैं।
शुक्रवार को बाजवा-इमरान की हुई थी मुलाकात
बता दें कि बीते शुक्रवार को पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान और सैन्य प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा की मुलाकात हुई थी। जिसके बाद कई तरह की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया। दोनों की यह मुलाकात दो महीने के बाद हुई थी।
मुलाकात के दौरान दोनों की असहज भाव भंगिमा भी चर्चा के केंद्र में रही। इमरान खान मुलाकात के फौरन बाद बतौर प्रधानमंत्री पहली बार दो दिन की छुट्टी पर चले गए, जिसको लेकर पूरे पाकिस्तान में चर्चा हो रही है।
गफूर ने एक निजी टीवी चैनल से बात करते हुए कहा कि देश की सरकार और सेना, दोनों एक ही पेज पर हैं और देश की तरक्की की दिशा में कार्यरत हैं। सेना प्रमुख और प्रधानमंत्री एक-दूसरे के संपर्क में हैं क्योंकि देश की तरक्की के लिए जरूरी है कि दोनों एक-दूसरे के संपर्क में रहें। राज्य के मामलों में सरकार और सेना के बीच किसी तरह का मतभेद नहीं है।
उन्होंने कहा कि जब भी जरूरत पड़ती है, सेना प्रमुख और प्रधानमंत्री मिलते हैं। यह जरूरी नहीं है कि हर मुलाकात की जानकारी दी ही जाए। गफूर ने कहा कि सेना अपने संवैधानिक दायित्व का निर्वहन करते हुए लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार के समर्थन में है जोकि पाकिस्तान के विकास के लिए बेहद जरूरी है।
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