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घरवाले देना चाहते थे धार्मिक शिक्षा लेकिन बनी ऑफिसर, कुछ इस तरह है सुर्खियों में आई पाकिस्तानी महिला अफसर की कहानी

locationनई दिल्लीPublished: Nov 24, 2018 01:56:28 pm

Submitted by:

Shivani Singh

सुहाई ने साल 2013 में सेंट्रल सुपीरियर सर्विसेज एग्‍जाम (सीएसएस) को पास किया और फिर पुलिस फोर्स को ज्‍वॉइन किया।

pakistani officer

घरवाले देना चाहते थे धार्मिक शिक्षा लेकिन बनी ऑफिसर, कुछ इस तरह है सुर्खियों में आई पाकिस्तानी महिला अफसर की कहानी

कराची। पाकिस्तान का नाम आते ही जहन में बस आतंकी और आतंकवाद की याद आती है। पाकिस्तान दुनिया में आतंक लिए जाना जाता है, लेकिन आतंक का गढ़ बन चुका ये देश इन दिन अपनी एक महिला पुलिस ऑफिसर के लिए जाना जा रहा है। शुक्रवार को पाकिस्तान के कराची में हुए आतंकी हमले के बाद से यहां कि एक महिला पुलिस अफसर अपनी बहादुरी के लिए इन दिनों सुर्खियों में है। सोशल मीडिया पर पाक की इस अफसर की बहादूरी की लोग जमकर तारीफ कर रहे हैं।

दरअसल, शुक्रवार को पाकिस्‍तान के कराची के पॉश इलाके क्लिफटन में आतंकियों ने हमला कर दिया। हमले के बाद चारों तरफ अफरा-तफरी मच गई। पाकिस्‍तान के चीनी दूतावास पर एक बड़े आतंकी हमले की कोशिश की गई थी। लेकिन इतने बड़े हमले के बाद भी चीनी स्‍टाफ को एक खरोंच तक नहीं आई और इसकी वजह बनी कराची पुलिस की बहादुर महिला पुलिस ऑफिसर सुहाई अजीज तलापुर। बता दें कि आतंकी हमले के बाद सिक्‍योरिटी ऑपरेशन को लीड कर रही सीनियर सुपरीटेंडेंट पुलिस सुहाई अजीज तलापुर ने क्लिफटन स्थित चीनी दूतावास को बड़े आतंकी हमले का शिकार होने से बचा लिया।

कौन हैं ये महिला पुलिस अफसर

बता दें कि सुहाई अजीज सिंध प्रांत के तांडो मोहम्‍मद खान जिले के भाई खान तालपुर गांव की रहने वाली हैं। सुहाई के पिता अजीज तालपुर एक राजनीतिक और लेखक हैं। एक पाकिस्तानी अख़बार के मुताबिक सुहाई ने साल 2013 में सेंट्रल सुपीरियर सर्विसेज एग्‍जाम (सीएसएस) को पास किया और फिर पुलिस फोर्स को ज्‍वॉइन किया। लेकिन उनका अफसर बनने का ये सफर काफी मुश्किलों भरा रहा है। सुहाई के पिता तो उन्हें अच्छी से अच्छी शिक्षा देना चाहते थे लेकिन उनके रिश्तेदार चाहते थे कि वह धार्मिक शिक्षा ही प्राप्त करें। सुहाई ने अख़बार को दिए अपने इंटरव्यू में बताया कि जब मेरे माता-पिता ने फैसला किया कि वह स्‍कूल में मेरा दाखिला कराएंगे तो मेरे बहुत से रिश्‍तेदारों ने मेरे परिवार को ताने मारने शुरू कर दिए। यही वजह रही कि हमे अपना गांव छोड़कर पास के एक कस्बे में रहना पड़ा। रिश्तेदारों ने हमसे सारे रिश्ते खत्म कर दिए।

पहले ही प्रयास में पास की परीक्षा

अपनी बहादूरी का डंका बजाने वाली पाकिस्ताना की यह महिला अफसर बचपन से ही पढ़ाई-लिखाई में काफी तेज थी, यही वजह रही की उन्होंने पहले ही प्रयास से सेंट्रल सुपीरियर सर्विसेज एग्‍जाम पास कर लिया। बता दें कि इससे पहले उनकी शुरुआती पढ़ाई एक प्राइवेट स्कूल में हुई। उनका प्राइवेट स्कूल में पढ़ना भी उनके गांव वालों और रिश्तेदारों को गंवारा नहीं था। इसके बाद उन्होंने इंटरमीडिएट की पढ़ाई के लिए बहारिया फांउडेशन में एडमिशन लिया। वहीं, सुहाई ने सिंध प्रांत में आने वाले हैदराबाद के जुबैदा गर्ल्‍स कॉलेज से बी.कॉम की पढ़ाई की।

घरवाले बनाना चहाते थे चार्टड एकाउंटेंट

सुहाई ने बताया कि उनके परिवार वाले उन्हें चार्टड एकाउंटें बनाना चाहते थे। लेकिन उन्हें लगता था कि इस नौकरी में में कोई मजा नहीं है। उनके अंदर तो गोलियों और बारुदों से खेलने का सपना था। सुहाई ने बताया कि उन्होंने साल 2013 में सर्विसेज एग्‍जाम की परीक्षा और पहले गी प्रयास में इस पास कर लिया। सुहाई के मुताबिक उनकी सफलता का पूरा श्रेय उनके पाता-पिता को जाता है। उनके परवरिश के बदौलत ही वह यह मुकाम हाशिल कर पाई हैं।

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