अदालत ने पनामा पेपर्स मामले में हुसैन और हसन के साथ उनके पिता नवाज शरीफ, बहन मरियम और जीजा कैप्टन (सेवानिवृत) मुहम्मद सफदर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर एनएबी द्वारा दायर भ्रष्टाचार के मामले में सुनवाई कर रही है। एनएबी ने कहा कि उन्हें अदालत के समक्ष पेश होने के लिए 30 दिन यानि 10 नवंबर तक का समय दिया जाता है और नोटिस की प्रतियां शरीफ परिवार के मॉडल टाउन और जती उमरा आवासों पर चस्पा कर दी गई हैं।
उसने कहा कि अगर शरीफ के बेटे समय सीमा के भीतर पेश होने में विफल रहे तो उन्हें भगोड़ा अपराधी घोषित कर दिया जाएगा और उनकी संपत्ति कुर्क कर ली जाएगी। दूसरी ओर, हुसैन और हसन ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में कार्यवाही में भाग ना लेने का फैसला लिया है। सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) ने कहा कि हसन और हुसैन ने पाकिस्तान में अदालत की कार्यवाही में भाग न लेने के पीछे ब्रिटिश नागरिकता लेने का हवाला दिया है।
पीएमएल-एन सीनेटर परवेज राशिद ने कहा कि वे विदेशी नागरिक हैं और पाकिस्तानी कानून उन पर लागू नहीं होते। इसलिए उनके यहां अदालत की कार्यवाही में भाग लेने की संभावना नहीं है। उन्होंने कहा कि शरीफ के बेटे दो दशकों से विदेश में कारोबार कर रहे हैं और उनके वित्तीय मामलों पर ब्रिटेन और सऊदी अरब में जांच हो सकती है। उन्होंने कहा कि शरीफ, मरियम और सफदर अदालत की कार्यवाही में शामिल होंगे। शरीफ, उनकी बेटी और दामाद पर भ्रष्टाचार और धन शोधन के तीन मामलों में शुक्रवार को अभियोग लगाया जाएगा।