पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, अहमद इससे पहले पार्टी के महासचिव थे। उन्हें पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया है। वह अब पार्टी के सभी मामलों को निर्देशित करेंगे और एपीएमएल की चुनाव में भूमिका तय करेंगे। एक निजी टीवी चैनल के अनुसार, पार्टी ने निर्वाचन आयोग को अध्यक्ष पद के बदलाव के बारे में अधिसूचित करते हुए एक औपचारिक आग्रह भेजा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मुशर्रफ इस्तीफे के बावजूद एपीएमएल के सुप्रीमो बने रहेंगे।मुशर्रफ ने एपीएमएल की 2010 में स्थापना की थी। पार्टी के मतदान से दो दिन पहले 2013 के चुनाव के बहिष्कार की घोषणा के बावजूद इसके दो उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा और चित्राल से दो सीटों पर जीत दर्ज की। सेवानिवृत्त जनरल मुशर्रफ को 2013 में उनके खिलाफ दाखिल मामलों की वजह से चुनाव लड़ने से रोक दिया गया था।
हाई कोर्ट ने ठहराया है आयोग्य
दरअसल पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति मुशर्रफ पर देशद्रोह का आरोप है। वे इस समय दुबई में रह रहे हैं। साल 2013 में पेशावर हाई कोर्ट ने परवेज मुशर्ऱफ को आजीवन चुनाव लड़ने के लिए आयोग्य करार दिया था लेकिन अभी हाल में ही सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को पलट दिया था और मुशर्रफ को चुनाव लड़ने की अनुमति इस शर्त पर दी थी कि वे 13 जून तक पाकिस्तान वापस लौट आएंगे। दुबई से अभी तक स्वदेश न आने के पीछे कई वजह बताई जा रही है। मुशर्रफ को डर है कि पाकिस्तान आने पर उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है।