इस्लामाबाद। भारत-पाकिस्तान के बीच बातचीत को लेकर शुरू हुई नई पहल को लेकर पाक मीडिया ने कई सवाल उठाए हैं। पाकिस्तान के एक अखबार ने लिखा है कि पीएम मोदी अगर चाहें तो निश्चित ही पाकिस्तान के साथ भारत के रिश्ते सुधार लेंगे। लेकिन पाक पीएम नवाज शरीफ के बारे ऐसा कह पाना मुश्किल है। इसकी वजह यह है कि पाक पीएम नवाज की राह में आर्मी रोड़ा बन सकती है। बता दें कि हाल ही में भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज हार्ट ऑफ एशिया समिट में हिस्सा लेने पाकिस्तान गई थीं। उनकी इस यात्रा के बाद दोनों देशों के बीच सभी मुद्दों पर बातचीत के लिए रजामंदी बनी थी। गौरतलब है कि 2008 के मुंबई हमलों के बाद से भारत-पाक के बीच बातचीत थमी हुई थी। भारत-पाक की संयुक्त टिप्पणी में दोनों देश आतंकवाद और कश्मीर जैसे मुद्दों पर बातचीत को राजी हुए हैं। बताया जा रहा है कि दो महीनों के अंदर दोनों देशों के विदेश सचिवों की बैठक होगी। इसी के साथ बातचीत शुरू हो जाएगी। पाकिस्तानी अखबार द डॉन ने अपने संपादकीय में लिखा है कि बड़ा सवाल यह है कि क्या पाकिस्तान और भारत इतिहास को पीछे छोड़ते हुए हकीकत में रिश्ते सुधार पाएंगे! दोनों देशों के खराब रिश्तों के बीच कई बार ऐसे मौके आए जब लगा कि सबकुछ ठीक हो जाएगा। लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हुआ। इसकी एक वजह दोनों की लीडरशिप है। इसमें हकीकत समझने की बजाय जनता के बीच पॉपुलर मुद्दों को जगह दी जाती है। वहीं दूसरी और पाकिस्तान के अखबार द ट्रिब्यून ने लिखा है , बातचीत का फैसला आसान है लेकिन हकीकत यह है कि इस बातचीत से नतीजे हासिल करना और इसे आगे बढ़ाना मुश्किल काम है। जिन मुद्दों पर बातचीत होनी है उनमें से कोई भी ऐसा नहींं है जो आसान हो। क्योंकि भारत-पाक बटवारे के बाद से ही विवाद चले आ रहे हैं। दोनों देशों को कुछ पाना और कुछ खोना होगा। फिलहाल तो लगता नहीं कि दोनों देश कोई बड़ी कामयाबी हासिल कर पाएंगे।