उन्होंने अपने भाषण में कट्टरपंथ का जिक्र करते हुए कहा कि इस वक्त सबसे बड़ी चुनौती दुनिया के सामने शांति, सुरक्षा और भरोसा है और कट्टरपंथ तेजी से दुनिया में बढ़ रहा है। पीएम ने कहा कि अफगानिस्तान में हाल में हुई घटनाओं ने इस चुनौती को और बढ़ा दिया है।
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मध्य एशिया मॉडरेट और प्रोग्रेसिव कल्चर
पीएम ने कहा कि यदि हम इतिहास के पन्ने पलटे तो पाएंगे कि मध्य एशिया का क्षेत्र मॉडरेट और प्रोग्रेसिव कल्चर और मूल्यों का गढ़ रहा है। यहां पर सूफीवाद जैसी परम्पराएं सदियों से पनपी और पूरे क्षेत्र के साथ विश्वभर में फैलीं। इनकी छवि हम आज भी क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत में देख सकते हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत में और SCO के लगभग सभी देशों में इस्लाम से जुड़ी मॉडरेट, टॉलरेंट और इन्क्लूसिव संस्थाएं और परम्पराएं मौजूद हैं। SCO को इनके बीच एक मजबूत नेटवर्क बनाने की जरूर है। इस सन्दर्भ वे SCO के रैट्स मैकेनिज्म द्वारा किए जा रहे उपयोगी कार्य की प्रशंसा करते हैं।
ताजिक लोगों के स्वागत से भाषण की शुरुआत
इससे पहले पीएम ने भाषण की शुरुआत ताजिक लोगों के स्वागत से की। उन्होंने कहा, ‘पूरे भारत की ओर से तजिक भाई-बहनों का स्वागत करता हूं। इस साल हम SCO की 20 वर्षगांठ को मना रहे हैं। मैं वार्ता के नए साझेदारों सऊदी अरब, मिस्र और कतर का भी स्वागत करता हूं.’ यह आयोजन ताजिकिस्तान के दुशांबे (Dushanbe) में हो रहा है।