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शेख हसीना ने रोहिंग्या कैंपों का दौरा कर दिया मदद का भरोसा

Published: Sep 13, 2017 01:14:00 pm

Submitted by:

Chandra Prakash

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने म्यांमार की हिंसा से बचकर आए रोहिंग्या शरणार्थी कैंपों का दौरा किया।

Rohingya
नई दिल्ली। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने मंगलवार को म्यांमार की हिंसा से बचकर आए विस्थापित लोगों के बीच राहत सामग्री वितरण के लिए कोक्स बाजार जिले में लगे रोहिंग्या शरणार्थी कैंपों का दौरा किया। अखबार ‘द डेली स्टार’ के मुताबिक, हसीना करीब 11.40 बजे सुबह में पहुंचीं और कैंपों की हालत का जायजा लिया। उन्होंने शरणार्थियों के बीच राहत सामग्री का वितरण भी किया।
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म्यांमार से भगाए जा रहे रोहिंग्या
प्रधानमंत्री के साथ आपदा प्रबंधन और राहत मंत्री मोफज्जल होसैन चौधरी, आवास और लोक निर्माण मंत्री मोशर्रफ होसैन, भूमि राज्यमंत्री सैफुद्दीन चौधरी समेत अन्य नेता भी थे। रोहिंग्या लड़ाकों द्वारा 25 अगस्त को म्यांमार के राखिने प्रांत में एक जांच चौकी पर हमले के जवाब में म्यांमार की सेना द्वारा रोहिंग्या समुदाय के लोगों को देश से खदेड़ा जा रहा है। करीब 3,00,000 रोहिंग्या शरणार्थी भागकर बांग्लादेश पहुंचे हैं।
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मदद की हर संभव कोशिश जारी रहेगी
कोक्स बाजार में हसीना ने कहा, “हमने मानवता के आधार पर उन्हें (रोहिंग्या शरणार्थी) आश्रय दिया है। 1971 में हमारे घरों को भी जलाया गया था। जब लोगों को कहीं जाने का रास्ता नहीं मिला तो वे भागकर भारत चले गए। इसलिए हम उनकी मदद के लिए अपनी क्षमता से हर संभव प्रयास कर रहे हैं।”

म्यांमार पर डालना होगा दबाव
प्रधानमंत्री ने म्यांमार की आलोचना करते हुए कहा कि वे लाखों रोहिंग्या को जबरदस्ती निकाल रहे हैं। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से आग्रह किया कि उन्हें म्यांमार वापस लौटाने का प्रबंध करें। उन्होंने कहा, “बांग्लादेश में रोहिंग्या को घर और छत मुहैया कराई जा रही है। मैं अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से आग्रह करती हूं कि म्यांमार पर दवाब डालें कि वह रोहिंग्या लोगों को स्वीकार करे। हम एक पड़ोसी के रूप में अपनी जिम्मेदारी पूरी करेंगे।”

3.13 लाख रोहिंग्या बांग्लादेश पहुंचे
बांग्लादेश स्थित संयुक्त राष्ट्र कार्यालय ने सोमवार को बताया कि म्यांमार के राखेन प्रांत में फैली हिंसा के बाद यहां अबतक कुल 313,000 रोहिंग्या मुस्लिम सीमापार कर आ चुके हैं। एफे न्यूज के मुताबिक अंतर क्षेत्रीय समन्वय समूह ने अपनी रपट में कहा कि म्यांमार में 25 अगस्त के बाद फैली हिंसा के बाद यहां आए नए 246,000 रोहिंग्या मुस्लिमों को अस्थायी आवास और मौजूद शिविरों में रखा गया है।

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