बता दें कि ईशनिंदा के मामले में एक ईसाई महिला आसिया बीबी को सुप्रीम कोर्ट द्वारा बरी किए जाने के बाद पाकिस्तान में हड़कंप मच गया था । बुधवार को ईशनिंदा मामले में पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने ईसाई महिला आसिया बीबी को आरोप मुक्त करते हुए बरी कर दिया था। उसके बाद पाकिस्तान के कई शहरों में फैसले के खिलाफ बवाल शुरू हो गया। बुधवार देर शाम तक मामला इस कदर बिगड़ गया कि खुद पीएम इमरान को हालात पर काबू करने के लिए सामने आना पड़ा।
यह घोषणा टीएलपी और सरकार द्वारा राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन को समाप्त करने के लिए एक समझौते पर सहमति बनने के बाद हुई है। सरकार ने एग्जिट कंट्रोल लिस्ट (ईसीएल) में आसिया बीबी के नाम को शामिल करने के लिए तुरंत कानूनी प्रक्रिया शुरू करने का वादा किया है। सरकार ने यह भी कहा कि वह शिकायतकर्ताओं को आसिया बीबी ईशनिंदा के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ रिव्यू पिटिशन की मांग का विरोध नहीं करेगी। तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान ने बदले में अपने कामों के लिए माफी मांगी है। संगठन ने कहा है कि अगर किसी को उसकी वजह से परेशानी हुई है या किसी की भावनाएं आहत हुई हैं तो वह माफी मांगता है।
पाकिस्तान सरकार ने विरोध प्रदर्शनों को रोकने के लिए टीएलपी के साथ जो समझौता किया है उसके तहत आसिया बीबी को देश छोड़कर जाने की अनुमति नहीं होगी। पाकिस्तान के संचार मंत्री फवाद चौधरी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि, “हमारे पास दो विकल्प थे। पहला रास्ता ये था कि बल प्रयोग किया जाए। लेकिन इसमें जानमाल के नुकसान का खतरा था। ये एक ऐसा विकल्प है जिसे किसी भी राज्य को नहीं चुनना चाहिए। इसके बदले हमने सेफ रास्ता चुना।” इससे पहले पाकिस्तान सरकार ने इससे पहले ये ऐलान किया था कि आसिया बीबी को रिहा कर दिया जाएगा।
समझौते के बाद पाकिस्तान सरकार पर चरमपंथियों के सामने घुटने टेकने का आरोप लगाया जा रहा है। हालांकि ये अब तक साफ नहीं हुआ है कि आगे यह समझौता किस तरह काम करेगा। इस बीच ट्रैफिक पुलिस ने शनिवार को कहा कि मोटरों की आवाजाही वाले मार्ग और राजमार्ग खोल दिए गए हैं। हालांकि पुलिस ने यात्रियों को अनावश्यक यात्रा करने से बचने की चेतावनी दी है।