इस मामले को अदालत में चुनौती दी गई थी। राजपक्षे ने उच्चतम न्यायालय के दो अहम निर्णयों के बाद शनिवार को इस्तीफा दे दिया था। इससे 69 वर्षीय विक्रमसिंघे की वापसी का रास्ता साफ हो गया था। यूएनपी के उप नेता सजित प्रेमदास के हवाले से कोलंबो गजट में कहा गया है कि यह राष्ट्रपति के असली चरित्र को दिखाता है। प्रेमदास ने कहा कि यूनिटी सरकार के विरोधी कुछ समूहों ने राष्ट्रपति को गुमराह किया था। इसी कारण राष्ट्रपति ने विक्रमसिंघे को हटा दिया था।
उन्होंने जोर देकर कहा कि अब सच सामने आ चुका है। पार्टी सरकार में सिरिसेना के साथ दोबारा काम करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। यूएनपी के महासचिव सांसद अकिला विराज करियावासम के अनुसार- नए मंत्रिमंडल का गठन दो दिन के अंदर कर लिया जाएगा।