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नेपाल में चीन की मदद से क्षतिग्रस्त स्कूलों का पुनर्निर्माण शुरू

locationनई दिल्लीPublished: Aug 03, 2018 09:37:17 pm

Submitted by:

mangal yadav

नेपाल में आए भूकंप से क्षतिग्रस्त स्कूलों की मरम्मत चीन करेगा। शुक्रवार से पुराने स्कूल का पुनर्निर्माण भी शुरू हो गया।

काठमांडू। नेपाल में 2015 में आए प्रलयकारी भूकंप में बुरी तरह क्षतिग्रस्त देश के सबसे पुराने स्कूल का पुनर्निर्माण चीन के सहयोग से दोबारा शुरू हो गया है। राजधानी के रानीपोखरी स्थित इमारत के पुनर्निर्माण का शुभारंभ शिक्षा विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री गिरिराज मणि पोखरेल और चीनी राजदूत यू होंग ने संयुक्त रूप से शुरू किया। भूकंप में नष्ट हुईं जिन इमारतों के पुनर्निर्माण के लिए चीन मदद के लिए राजी हुआ है, उनमें दरबार हाईस्कूल के नाम से प्रसिद्ध स्कूल की इमारत सहित कुल 25 इमारतें हैं।

20 महीने में पूरा होगा इमारत का पुनर्निर्माण
चीन के शंघाई कंस्ट्रक्शन ग्रुप से 20 महीने में इस इमारत का पुनर्निर्माण करने का करार किया गया है। चीनी राजदूत यू ने कहा कि कंपनी सुरक्षित और आकर्षक इमारत बनाएगी। यह इमारत दोनों देशों के बीच दोस्ताना संबंधों का प्रतीक बनेगी। चीन के सहयोग से इमारत का पुनर्निर्माण होने के बाद यहां के बच्चों को दोबारा से स्थायी स्कूली इमारत मिल सकेगी। नेपाल में 2015 में 7.8 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप के बाद नेपाली सरकार ने छात्रों को स्कूल परिसर में ही अस्थाई कक्षाओं में पढ़ाई करने की व्यवस्था कर दी थी।

9000 लोगों की हुई थी मौत
अप्रैल 2015 में आए भीषण भूकंप में 9000 लोगों की जान चली गई थी और संपत्ति को भी खासा नुकसान पहुंचा था। इस भूकंप का असर भारत, चीन, बांग्लादेश में भी था। नेपाल के साथ-साथ चीन, भारत और बांग्लादेश में भी लगभग 250 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। साल 2015 में आए इस भूकंप के बाद अब तक नेपाल में कुल 488 बार भूकंप के हलके झटके दर्ज किए जा चुके हैं।

नेपाल में चीन बढ़ा रहा है प्रभाव
नेपाल में आए भूकंप के बाद भारत ने यहां के लोगों की मदद की है। भारत की तरह से नेपाल को आर्थिक मदद भी उपलब्ध करवाई गई थी। लेकिन चीन नेपाल में भारत के दबदबे को कम करते हुए अपना प्रभाव जमाना चाहता है।

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