साल भर पहले फंसा कर गिरफ्तार किया गया
रायटर के एडिटर-इन-चीफ स्टेफेन जे एडलेर ने इस पर अपने बयान में कहा, ‘साल भर पहले रायटर के संवाददाता वा लोन व क्याव सोए ओ को पुलिस द्वारा फंसा कर गिरफ्तार किया गया। इन पत्रकारों पर ऐसे आरोप लगाने की मंशा म्यांमार में नरसंहार की रिपोर्टिग में दखल देना थी।’ उन्होंने आगे कहा, ‘सच्चाई यह है कि जो अपराध उन्होंने किया नहीं उसके लिए वे अभी भी जेल में है। ये मामला म्यांमार के लोकतंत्र, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और कानून के राज की प्रतिबद्धता पर सवाल उठाता हैं।’
चार पत्रकारों और एक मैगजीन के नाम रहा पर्सन ऑफ द ईयर
आपको बता दें कि इन दोनों की सजा के खिलाफ 24 दिसम्बर को एक अदालत में सुनवाई होनी है। आपको बता दें कि इस बार (साल 2018) के पर्सन ऑफ द ईयर के लिए चार पत्रकारों और एक मैगजीन को चुना गया है। इसमें हाल ही में तुर्की स्थित सऊदी दूतावास में मार दिए गए वॉशिंगटन पोस्ट के स्तंभकार और मशहूर पत्रकार जमाल खशोगी का भी नाम शामिल है। खशोगी के अलावा कैपिटल गजट,फिलीपींस की पत्रकार मारिया रेसा को भी इस बार इस सम्मान के लिए चुना गया है।
दूतावास में हत्या
गौरतलब है कि पत्रकार जमाल खशोगी का नाम उस वक्त चर्चा में आया था जब तुर्की स्थित सऊदी अरब के दूतावास में किसी काम के लिए जाने के बाद वह गायब हो गए। बाद में उनकी मौत का खुलासा हुआ। बता दें कि खशोगी की दूतावास में ही हत्या कर दी गई थी, हालांकि उनका शव अब तक बरामद नहीं किया जा सका है। उनकी मौत के बाद से पश्चिमी देशों और सऊदी अरब के बीच संबंध में खटास पैदा हो गई है।