शरणार्थियों ने एक साल पहले किया था वहां से पलायन
समुदाय के नेताओं ने सोमवार को शरणार्थियों के फरार होने की जानकारी दी। बता दें कि अधिकारी ने फैसला किया था कि रोहिंग्या शरणार्थियों को गुरुवार यानी 15 नवंबर को म्यांमार वापस भेजने की शुरुआत करने वाले थे। आपको बता दें कि ये शरणार्थी करीब एक साल पहले म्यांमार सेना के अत्याचारों से तंग आकर वहां से पलायन करे चुके थे। म्यांमार सेना की कार्रवाई को संयुक्त राष्ट्र ने नरसंहार करार दिया था।
इस डर के कारण फरार हो रहे है शरणार्थी
समुदाय के नेताओं की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक वापस म्यांमार जाकर इस तरह के अत्याचार की दलदल में दोबारा गिरने के अंदेशा से शिविरों में रह रहे लोग डर गए। इसी कारण जिन परिवारों को सबसे पहले वापस भेजा जाना था, वहां से फरार हो गए। एक शरणार्थी शिविर के अधिकारी ने बयान दिया, ‘हम लगातार शरणार्थियों को वापस जाने के लिए प्रोत्साहित करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन इसके उलटे वह डर कर दूसरे शिविरों में भाग रहे हैं।’
बनाए गए हैं नए ट्रांसिट कैंप
गौरतलब है कि म्यांमार में शरणार्थियों के लिए नए ट्रांसिट कैंप बनाए गए हैं, जहां उनके 15 नवंबर से देशांतरित होना निर्धारित किया गया है। इसके लिए 22,000 नाम लिस्ट में दर्ज किए थे, हालांकि छानबीन करने के बाद नाएप्यीडॉ ने पहले चरण में करीब पांच हजार रोहिंग्याओं को वापस बुलाने का फैसला लिया है।