सऊदी अरब के समर्थक खाड़ी के कई देश पूर्व आर्मी चीफ जनरल (सेवानिवृत्त) राहिल शरीफ (Raheel Sharif) को पाकिस्तान के तख्त पर बैठाने की कोशिश कर रहे हैं। वे उन्हें राजनीति में उतारने मन बना चुके हैं। राहील शरीफ पाकिस्तान के सबसे लोकप्रिय सेना प्रमुखों में से एक हैं। उनको पाकिस्तान में काफी सम्मान की नजर से देखा जाता है। विशेष रूप से राहील शरीफ का सऊदी अरब से खास संबंध रहा है। विश्लेषकों के अनुसार अगर जनरल राहील शरीफ पाकिस्तान की राजनीति में कदम रखेंगे तो इमरान खान की कुर्सी जानी तय होगी।
मीडिया रिपोर्ट की माने तो पाकिस्तान के राजनयिक हलकों में ऐसी चर्चा है कि कई अरब देश पूर्व सेना प्रमुख जनरल राहील शरीफ को राजनीति को लेकर तैयारी कर रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तानी सोशल मीडिया में इन अटकलों का बाजार भी गर्मा रहा है।
कुरैशी ने सऊदी अरब से पंगा ले लिया गौरतलब है कि जनरल राहील शरीफ के नाम की चर्चा ऐसे समय पर हो रही है जब पाकिस्तानी पीएम इमरान खान और सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के बीच बीते काफी समय से तनाव बरकरार है। यही नहीं बीते दिनों सेना प्रमुख बाजवा ने राहिल शरीफ से बात भी की थी। इस तनाव के बीच पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने सऊदी अरब से पंगा ले लिया। उन्होंने सऊदी अरब और ओआईसी को धमकी तक दे डाली। इससे दोनों के बीच संबंध निचले स्तर पर चले गए हैं।
बीते दिनों रियाद पहुंचे पाक आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा (Qamar Javed Bajwa) को खाली हाथ लौटना पड़ा है। वे प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से मिलने के लिए मिन्नतें करते रहे पर ये मुलाकात संभव नहीं हो सकी। सऊदी क्राउन प्रिंस ने पाक आर्मी चीफ से मिलने से इनकार कर दिया।
पाकिस्तान-सऊदी में क्यों है तनाव हाल ही में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के बयानों से सऊदी अरब काफी नाराज है। कुरैशी ने कश्मीर मामले में सऊदी अरब के रूख की कड़ी आलोचना की थी। कुरैशी ने सऊदी को धमकी देते हुए कश्मीर पर अकेले बैठक बुलाने का ऐलान कर डाला था। इससे तिलमिलाए सऊदी ने पाक को दी जाने वाली 6.2 बिलियन डॉलर की आर्थिक सहायत को खत्म कर दिया। वहीं उधार तेल-गैस देने पर रोक लगा दी। ऐसा कहा जा रहा है कि इस रवैये को लेकर कुरैशी की कुर्सी भी जा सकती है।
पाकिस्तान में भी कुरैशी का विरोध पाकिस्तान में कुरैशी के बयान की खुलेआम निंदा हो रही है। नौबत यहां तक आ गई है कि कुरैशी को मीडिया से दूरी बनानी पड़ रही है। वहीं, पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय का कहना है कि कुरैशी का बयान ओआईसी से कश्मीर के मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने की इच्छा और आकांक्षा को दर्शाता है।