बाना सीरिया में चल रहे गृहयुद्ध और वहां फंसे लोगों की दयनीय हालत से जुड़ी पोस्ट्स, तस्वीरें और विडियो ट्विटर पर अपलोड करती थी।
अलेप्पो। पूर्वी अलेप्पो में रहने वाली 7 साल की बाना ने ट्विटर पर सीरिया की हालात को बयान कर दुनिया में ीचर्चित हुई थीं। वह अपनी मां के साथ मिलकर अलेप्पो का हाल ट्विटर पर बताती थीं। तुर्की के विदेशमंत्री ने इस बात की जानकारी दी है कि बाना और उनके परिवार को सुरक्षित अलेप्पो से निकाल लिया गया है। बाना अपनी मां फातिमा की मदद से ट्विटर हैंडल पर एक्टिव रहती हैं। बाना ने सीरिया में चल रहे गृहयुद्ध और वहां फंसे लोगों की दयनीय हालत से जुड़ी पोस्ट्स, तस्वीरें और वीडियो अपलोड कर चुकी हैं। सितंबर से अबतक ट्विटर पर बाना के 331,000 फॉलोअर्स बन गए हैं।
मिशेल ओबामा से ट्वीटर पर मांगी थी मदद
पिछले हफ्ते ही बाना और उसकी मां फातिमा ने अमेरिका की फर्स्ट लेडी मिशेल ओबामा से मदद मांगते हुए एक वीडियो जारी किया था। इसमें उसने कहा था कि अमेरिका पूर्वी अलेप्पो में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने की कवायद सुनिश्चित करे। तुर्की के विदेशमंत्री ने पिछले हफ्ते बाना के ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा था कि उन्हें और उनके परिवार को तुर्की लाया जाएगा। पिछले मंगलवार को तुर्की और रूस के बीच संघर्षविराम को लेकर एक समझौता हुआ था। युद्ध तो कुछ वक्त के लिए रुक गया, लेकिन अब भी हजारों लोग अलेप्पो में फंसे हुए हैं।
विदेश मंत्री ने ट्वीट कर दी जानकारी
तुर्की की सहायता एजेंसी आईएचएच ने ट्वीट कर बताया, ‘आज सुबह बाना अलाबेद और उनके परिवार को पूर्वी अलेप्पो से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। हमने उनका स्वागत किया।’ आईएचएच ने ट्वीट पर बाना की एक तस्वीर भी साझा की। इसमें बाना एक बचावकर्मी के साथ खड़ी मुस्कुरा रही हैं।
मां को है देश छोड़ने का दुख
एक न्यूज एजेंसी से बात करते हुए फातिमा ने कहा, ‘मैं दुखी हूं क्योंकि मुझे अपना देश छोड़ना पड़ा। मैं अपनी आत्मा वहां छोड़कर आई हूं। हम वहां नहीं रह सकते थे, क्योंकि वहां बहुत बमबारी हो रही थी और साफ पानी और दवाएं नहीं थी। वहां से निकलते समय हमें बहुत तकलीफ उठानी पड़ी। हमें 24 घंटे तक बिना खाना या पानी के बस में रहना पड़ा।’
हम एक कैदी की तरह थे
फातिमा ने बताया, ‘हम एक कैदी की तरह थे। ऐसा लग रहा था कि हमारा अपहरण कर लिया गया है, लेकिन आखिरकार हम यहां पहुंच ही गए।’ अलेप्पो में फंसे लोगों को बाहर निकालने का अभियान कई दिनों तक रुके रहने के बाद सोमवार को फिर से शुरू हुआ। पूर्वी अलेप्पो के साथ-साथ इडलिब के करीब स्थित राष्ट्रपति अशद के समर्थक दो गांवों में भी घायलों और बीमारों को सुरक्षित स्थान पर बाहर निकालने का काम जारी रहा।