इस्लामाबाद। ‘बॉर्डर पर भारत और पाकिस्तान एक दूसरे को नीचे दिखाने में लगे हुए हैं। लेकिन, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ देश में अपने समकक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एजेंडा लागू करने में लगे हुए हैं।’ यह आरोप रविवार को क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान ने लगाए। खान ने यह आरोप ऐसे समय लगाया है जब उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआई) शरीफ सरकार पर दबाव बढ़ाने के लिए राजधानी इस्लामाबाद की नाकाबंदी करेगी।
पनामा पेपर्स में नाम आने के बाद पीटीआई चाहती है कि नवाज शरीफ अपने पद से इस्तीफा दे दें। यह आरोप उस समय भी आया है जब खान के घर की ओर जा रहे 100 पीटीआई के समर्थकों ने हिरासत में ले लिया। पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान का मानना है कि शरीफ पिछले कुछ दिनों से उस राह पर चल रहे हैं जिससे भारतीय प्रधानमंत्री के हितों को फायदा पहुंच रहा है।
संवाददाआतों से बातचीत करते हुए खान ने कहा कि इस साल मई में ऑपरेशन करवाने लंदन गए शरीफ ने अस्पताल से अपनी मां या बच्चों को फोन करने की बजाए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पहले फोन करना बेहतर समझा। उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान में शरीफ मोदी के हितों पर काम कर रहे हैं। उस खबर को लीक करवाने में नवाज का ही हाथ है जिससे सैन्य बलों की साख पर बट्टा लगा। वास्तव में मोदी और नवाज का एजेंडा एक ही है।
उन्होंने आरोप लगाया कि शरीफ के कहने पर ही वह रिपोर्ट लीक की गई जिसमें कहा गया था कि बैठक के दौरान सरकार और सेना के बचीव तनाव हो गया था। उन्होंने आगे शरीफ और उनकी पार्टी पर विध्वंस का भी आरोप लगाया। एक भ्रष्ट प्रधानमंत्री को बचाने के लिए सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया जा रहा है। पूर्व क्रिकेटर ने कहा, मैं एक ‘संदिग्ध’ को पाकिस्तान का प्रधानमंत्री नहीं मानता। भ्रष्टाचार के मामले पर शरीफ पर हमले करता रहूंगा।