मुस्लिम संगठनों से बातचीत के बाद फैसला
एक अंग्रेजी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चीनी सरकार ने ये फैसला करने से पहले देश में मौजूद आठ अलग-अलग मुस्लिम संगठनों के प्रतिनिधियों से बातचीत की। उनके साथ हुई चर्चा के बाद इस कानून को पारित करने का फैसला किया गया। उक्त मीडिया रिपोर्ट में इस संबंध में लिखा गया, ‘अधिकारी चीन में इस्लाम के समाजवाद के साथ जोड़ने और धर्म को उचित परिभाषा देने के तरीकों को लागू करने के मार्गदर्शन करने के लिए सहमति जताई है।’
कार्यप्रणाली का खुलासा नहीं
जानकारी के मुताबिक, हालांकि अभी तक ये तय नहीं किया गया है कि इस कानून को लागू करने के लिए किस कार्यप्रणाली का सहारा लिया जाएगा। गौरतलब है कि दुनियाभर में उइगर मुसलमानों के खिलाफ किए जा रहे दुर्व्यवहार के कारण चीन की कड़ी आलोचना की जा रही है। लोगों ने यहां तक आरोप लगाया कि चीन की सरकार ने उइगरों की जिंदगी नरक से भी बदतर बना दी है। बीते वर्ष शिनजियांग प्रांत में काफी संख्या में उइगर मुस्लिमों को नजरबंद करने की जानकारी मिली थी। कहा जा रहा है कि इन्हें एक खास तरह के कैंपों में नजरबंद कर दोबारा शिक्षा दी जा रही है।
खास कैंपों में दी जा रही है ट्रेनिंग
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस कैंप में चीनी सैनिकों, पुलिस और उइगर मुस्लिमों के अलावा किसी और की एंट्री बेहद मुश्किल है। हालांकि, चीन इन बातों से लगातार इनकार करता रहता है, लेकिन दावा किया जाता है कि यहां उइगर मुस्लिमों को चीन में रहने के लिहाज से दोबारा शिक्षित किया जा रहा है। आपको बता दें कि साइनिकाइजेशन एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके तहत गैर-चीनी समाज के लोग चीनी संस्कृति, खासकर हान चीनी संस्कृति और सामाजिक मानदंडों को अपनाते हैं।