अफगानिस्तान के बाद म्यांमार अफीम की दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। अपनी पहाड़ी भूमि और झरझरा सीमाओं के कारण इसका अवैध ड्रग का कारोबार खूब फल-फूल रहा है। यह “गोल्डन ट्राएंगल” में स्थित है, जो चीन, लाओस और थाईलैंड के साथ साझा करता है। ये मादक पदार्थों की आपूर्ति के लिए जाना जाता है। 2018 और 2019 के बीच, म्यांमार में कुल 14 गुप्त दवा प्रयोगशालाएँ जब्त की गईं।
मादक पदार्थों के खिलाफ चलाए गए अभियान में 33 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। यह अभियान फरवरी से अप्रैल के बीच चलाया गया था। म्यांमार मेथमफेटामाइन का सबसे बड़ा वैश्विक स्रोत है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार संदिग्धों ने पुलिस को बताया कि ये सभी ड्रग्स म्यांमार के अंदर और पड़ोसी देशों में बेचे जाने की तैयारी थी। फेंटानील बनाने में इस्तेमाल होने वाला 3700 लीटर मेथिलफेटानिल की एक खेप को बरामद किया गया है। इसकी तस्करी की जा रही थी।