श्रीलंका: मस्जिदों पर हमले के बाद देशभर में कर्फ्यू, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लगा बैन
पीएम ने की शांति बनाए रखने की अपील
हिंसा के दौरान मस्जिदों और मुस्लिमों की दुकानों को या तो तोड़ दिया गया या जला दिया गया। इसके अलावा हिंसा में मुस्लिम व्यक्ति को जान से मार डाला गया। कई जगहों पर भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने हवा में गोली चलाई और आंसू गैस के गोले छोड़े। अपने टेलीविजन संबोधन में पुलिस प्रमुख चंदना विक्रमरत्ने ने चेतावनी दी कि अधिकारी दंगाईयों से सख्ती के साथ निपटेंगे। प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ( pm ranil wickramasinghe ) ने इससे पहले लोगों से शांत रहने की अपील की और कहा कि मौजूदा अशांति से ईस्टर विस्फोटों की जांच बाधित हो रही है। श्रीलंका में इस्लामिक आतंकवादियों द्वारा 21 अप्रैल को तीन गिरजाघरों, तीन लक्जरी होटलों और दो अन्य स्थानों पर हमले के बाद तनाव व्याप्त है। हमले में 250 से ज्यादा लोग मारे गए थे।
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हिंसा भड़काने वाला एक शख्स गिरफ्तार
दंगे तीन जिलों में केंद्रित हैं। उत्तरी-पश्चिमी शहर किनियामा में एक मस्जिद की खिड़कियों और दरवाजों को तोड़ दिया गया। पुलिस ने कहा, ‘मुस्लिम दुकानदार के एक ‘हमले की योजना’ के संबंध में फेसबुक पोस्ट के बाद एक समूह के लोगों ने चिलाव शहर पर हमला कर दिया, जिससे रविवार को अशांति फैल गई।’ कई लोगों ने मस्जिदों पर पथराव किया और मुस्लिमों की दुकानों पर हमला किया। रिपोर्टों के अनुसार, एक 38 वर्षीय मुस्लिम दुकानदार की फेसबुक पर हिंसा भड़काने वाली पोस्ट करने वाले के रूप में पहचान की गई है। उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। हेट्टिपोला शहर से भी हिंसा की घटनाओं की रिपोर्ट सामने आई है, जहां कम से कम तीन दुकानों को जला दिया गया। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने कहा कि सुरक्षाबलों को हिंसाग्रस्त क्षेत्रों में शांति बनाए रखने के लिए तैनात किया गया है और अधिकारी मुस्लिमों पर हमले को रोक रहे हैं। राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरिसेना ( President Maithripala Sirisena ) के एक सलाहकार शिराल लकथिलाका ने कहा, ‘हम कहना चाहते हैं कि सरकार इस पर नियंत्रण स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है और आज रात के बाद से इसपर पूरी तरह नियंत्रण पा लिया जाएगा।’ एक मुस्लिम व्यापारी ने अपनी सुरक्षा को लेकर भय जताते हुए बीबीसी से कहा, ‘हम कई जगहों को देख सकते हैं जहां कर्फ्यू लागू किया गया है। सेना बंदूकों के साथ सड़कों पर है लेकिन वे हिंसा के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।’
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