पूरी दुनिया को मुफ्त में वाईफाई देगी चीन की यह कंपनी, अगले साल उपग्रह इसे प्रस्ताव को महिंदा राजपक्षे के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। उन्हें राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरीसेना ने विवादित कदम उठाते हुए प्रधानमंत्री बनाया था। उनके इस कदम से देश में संवैधानिक संकट खड़ा हो गया था। इस प्रस्ताव के पक्ष में 225 सदस्यीय सदन के 123 सांसदों के वोट दी थी। दूसरी ओर राजपक्षे के समर्थकों ने सत्र का बहिष्कार किया था। इस प्रस्ताव के बाद प्रधानमंत्री के सचिव का राजकीय खजाने से खर्च करने की मंजूरी देने का कोई अधिकार नहीं रह गया है। बता दें, श्रीलंका में 26 अक्टूबर से राजनीतिक संकट बना हुआ है।
तभी से देश में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हैं।