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श्रीलंका: राजनीतिक संकट के बीच राष्ट्रपति सिरिसेना ने संसद भंग की, पांच जनवरी को होंगे आम चुनाव

Published: Nov 10, 2018 08:15:10 am

Submitted by:

Mohit Saxena

श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने देश की संसद को शुक्रवार मध्यरात्रि से भंग करने संबंधी गजट अधिसूचना पर हस्ताक्षर किया

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श्रीलंका: राजनीतिक संकट के बीच राष्ट्रपति सिरिसेना ने संसद भंग की, पांच जनवरी को होंगे आम चुनाव

कोलंबो। श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने देश में प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को बर्खास्त करने के बाद चुनाव का रास्ता साफ कर दिया है। इस राजनीतिक और संवैधानिक संकट के बीच शुक्रवार को उन्होंने पांच जनवरी को आम चुनाव कराने का फैसला किया है। सिरिसेना ने देश की संसद को शुक्रवार मध्यरात्रि से भंग करने संबंधी गजट अधिसूचना पर हस्ताक्षर किया। दो सप्ताह से चल रहे राजनीतिक और संवैधानिक संकट के बीच यह एक और अचंभित करनेवाला कदम है। गौरतलब है कि सिरिसेना ने प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को बर्खास्त कर उनकी जगह उनके पूर्व प्रतिद्वंद्वी महिंदा राजपक्षे को देश का प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया। इससे देश में राजनीतिक संकट पैदा हो गया।
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चुनाव के लिए नामांकन पत्र भरे जाएंगे

गजट नोटिस के अनुसार 19 से 26 नवंबर के बीच इस चुनाव के लिए नामांकन पत्र भरे जाएंगे। नए संसद की बैठक 17 जनवरी को बुलाई जाएगी। संसद को भंग करने का कदम राष्ट्रपति के करीबी सहयोगी द्वारा यह बताने के कुछ घंटे बाद उठाया गया है। श्रीलंका में मौजूदा राजनीतिक एवं संवैधानिक संकट को समाप्त करने के लिए समय से पहले चुनाव या राष्ट्रीय जनमत संग्रह नहीं कराने का सिरिसेना ने फैसला किया है।
फैसला असंवैधानिक है

विश्लेषकों का मानना है कि यह फैसला असंवैधानिक है। 19वें संशोधन के अनुसार राष्ट्रपति साढ़े चार साल का कार्यकाल पूरा होने से पहले 225 सदस्यों वाले संसद को भंग कर प्रधानमंत्री को बर्खास्त करना गलत है। विक्रमसिंघे के नेतृत्व वाली यूनाइटेड नेशनल पार्टी ने एक बयान में कहा कि वह जोरदार तरीके से संसद को भंग करने के फैसले का विरोध करते हैं। श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने लोगों से उनके अधिकार छीन लिए हैं।

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