कंक्रीट से इमरात बनाने की तैयारी की थी चीन की सरकारी कंपनी चाइना रेलवे बीजिंग इंजिनियरिंग ग्रुप को लिमिटेड ने अप्रैल में श्रीलंका के जाफना में चार हजार घरों को बनाने का 30 करोड़ डॉलर का ठेका हासिल किया था। इस परियोजना में चीन के एग्जिम बैंक की तरफ से फंडिंग हो रही थी। हालांकि स्थानीय लोगों की तरफ से ईंट के घरों की मांग होने से परियोजना फंस गई। लोगों का कहना था कि उन्हें पारंपरिक रूप वाला ईंट का घर चाहिए। चीन की कंपनी ने कंक्रीट से इमरात बनाने की तैयारी की थी।
28 हजार घरों को बनाने का प्रस्ताव पास बुधवार को श्रीलंका सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि कैबिनेट ने 28 हजार घरों को बनाने 3580 करोड़ रुपये का नया प्रस्ताव पास कर दिया है। इसे भारतीय कंपनी एनडी एंटरप्राइजेज दो श्रीलंकाई कंपनियों के साथ मिलकर बनाएगी। उन्होंने बताया कि कुल 65 हजार घरों की जरूरत है,जिनमें से इतने घरों का प्रस्ताव पास हो गया है। प्रवक्ता ने बताया कि बाकी के घर बनाने का ठेका उस कंपनी को दिया जाएगा जो कम कीमत पर काम करने के लिए तैयार होगी।
26 साल के युद्ध के दौरान ध्वस्त घरों का पुनर्निर्माण आलोचकों का कहना है कि श्रीलंका के दक्षिण में बड़ा बंदरगाह बनाने का चीन का प्रॉजेक्ट और इससे जुड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर पर हो रहा खर्च देश के दो करोड़ से अधिक लोगों को भारी कर्जे में ले जा रहा है। तमिल टाइगर विद्रोहियों के साथ चले करीब 26 साल के युद्ध के दौरान ध्वस्त हुए घरों के पुनर्निर्माण के पहले चरण में भारतीय कंपनी उत्तरी श्रीलंका में इन घरों का निर्माण करेगा। इसके अलावा पलाली एयरपोर्ट और कंकेशंथुरई बंदरगाह के भी पुनर्निर्माण की योजना है। हाल के वर्षों में चीन ने श्रीलंका में बंदरगाह, पावर प्लांट्स और हाइवे बनाने के सारे मेगा प्रॉजेक्ट्स हासिल किए हैं।