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भारत की सहायता को श्रीलंका के पीएम विक्रमसंघे ने सराहा, कहा- देश के गिरते मुद्रा भंडार को बढ़ाने में मदद मिलेगी

Published: Jan 11, 2019 12:27:42 pm

Submitted by:

Mohit Saxena

श्रीलंका के केंद्रीय बैंक को 40 करोड़ डॉलर देने पर सहमत हुआ, 14 जनवरी को अब तक का सबसे बड़ा कर्ज भुगतान करेगा

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भारत की सहायता को श्रीलंका के पीएम विक्रमसंघे ने सराहा, कहा- देश के गिरते मुद्रा भंडार को बढ़ाने में मदद मिलेगी

कोलंबो। श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसंघे ने गुरुवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक के साथ मुद्रा अदला-बदली सहायता से देश के गिरते विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने में मदद मिलेगी। विक्रमसिंघे ने संसद को बताया कि आरबीआई दक्षेस मुद्रा अदला-बदली कार्यक्रम के तहत देश के केंद्रीय बैंक को 40 करोड़ डॉलर देने पर सहमत हुआ है। वे (आरबीआई) इससे भी बड़ी राशि देने पर विचार कर रहे हैं।
श्रीलंका की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा

इसके अलावा एक अरब डॉलर की ऐसी और व्यवस्था पर भी रिजर्व बैंक विचार कर रहा है। विक्रमसिंघे ने कहा कि उनका देश इस साल 14 जनवरी को अब तक का सबसे बड़ा कर्ज भुगतान करने वाला है। यह भुगतान 260 करोड़ डॉलर का होगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 में ही उन्हें विदेशी कर्ज की किस्त और ब्याज पर 590 करोड़ डॉलर का भुगतान करना है। उन्होंने कहा कि करीब दो महीने तक चले राजनीतिक संकट के कारण श्रीलंका की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है। उन्होंने कहा कि इस दौरान देश का विदेशी मुद्रा भंडार 799.10 करोड़ डॉलर से गिरकर 698.50 करोड़ डॉलर पर आ गया।
दो माह तक कामकाज ठप रहा

विक्रमसिंघे ने कहा कि श्रीलंका की सरकार विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ाने के लिये 1.90 अरब डॉलर जुटाने की प्रक्रिया में है। श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला श्रीसेना ने नीतिगत मुद्दों पर मतभेद के चलते एक नाटकीय घटनाक्रम में 26 अक्तूबर को प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे को पद से हटा दिया था और महिंदा राजपक्षे को प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बिठा दिया। इस दौरान दो महीने तक राजनीतिक उठापटक के चलते देश में कोई कामकाजी सरकार नहीं रह गई थी। अंत में उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद श्रीसेना को विक्रमसिंघे को फिर से प्रधानमंत्री नियुक्त करना पड़ा।
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