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श्रीलंका: तमिल गठबंधन करेगा महिंदा राजपक्षे का विरोध, खतरे में सरकार

Published: Nov 04, 2018 11:26:34 am

Submitted by:

Mohit Saxena

तमिलों की पार्टी की ओर से आए इस बयान से राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरिसेन और प्रधानमंत्री राजपक्षे पर सत्ता बनाए रखने का दबाव बढ़ गया है

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श्रीलंका: तमिल गठबंधन करेगा महिंदा राजपक्षे का विरोध, खतरे में सरकार

कोलंबो। श्रीलंका में राजनीतिक विवाद के बीच तमिलों के गठबंधन तमिल नेशनल एलायंस (टीएनए) ने महत्वपूर्ण बयान दिया है।गठबंधन ने कहा है कि वह प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के खिलाफ आए अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करेगी। तमिलों की पार्टी की ओर से आए इस बयान से राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरिसेन और प्रधानमंत्री राजपक्षे पर सत्ता बनाए रखने का दबाव बढ़ गया है।
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सरकार के समर्थन के लिए पर्याप्त संख्या बल

राजपक्षे का दावा है कि उनके पास सरकार के समर्थन के लिए पर्याप्त संख्या बल है। हटाए गए पीएम रानिल विक्रमसिंघे के समर्थक रहे छह सांसद पाला बदलकर उनके साथ आ चुके हैं। 26 अक्टूबर को राष्ट्रपति सिरिसेन ने विक्रमसिंघे को प्रधानमंत्री पद से बर्खास्त कर पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे को प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया था, लेकिन संसद के स्पीकर कारू जयसूर्या ने विक्रमसिंघे को ही प्रधानमंत्री माना था। तमिल नेशनल एलायंस ने अपने बयान में कहा है कि राजपक्षे की नियुक्ति से संविधान के 19 वें संशोधन का उल्लंघन हुआ है। इसलिए टीएनए ने राजपक्षे के खिलाफ पेश होने वाले अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करने का फैसला किया है।
16 सांसदों में से चार राजपक्षे के संपर्क में

माना जा रहा है कि एलायंस के 16 सांसदों में से चार राजपक्षे के संपर्क में हैं। विक्रमसिंघे की यूनाइटेड नेशनल पार्टी ने स्पीकर को राजपक्षे के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है। पार्टी ने संसद में शक्ति परीक्षण की मांग की है। विक्रमसिंघे के बहुमत के दावे की अनदेखी करते हुए राष्ट्रपति सिरिसेन ने संसद को 16 नवंबर तक के लिए निलंबित कर दिया था, लेकिन अंतरराष्ट्रीय बिरादरी के दबाव में शुक्रवार को सिरिसेन ने संकेत दिए कि वह संसद को जल्द बहाल कर सकते हैं। 225 सदस्यों वाली श्रीलंकाई संसद में बहुमत के लिए सरकार को 113 सदस्यों का समर्थन चाहिए।
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