मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यह संभावना है कि दिसंबर के पहले सप्ताह में संसद को भंग कर दिया जाएगा और संसदीय चुनाव होने तक चुनावी कानूनों के अनुसार एक कार्यवाहक मंत्रिमंडल की नियुक्ति की जाएगी। इस मामले में कार्यवाहक मंत्रिमंडल की अध्यक्षता अंतरिम पीएम के रूप में महिंदा राजपक्षे करेंगे।
यूएनपी के पूर्व उप-नेता और नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट (एनडीएफ) के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार साजित प्रेमदासा के वफादार नौ मंत्री पहले ही 16 नवंबर को हुए चुनाव में साजित की हार के बाद इस्तीफा दे चुके हैं,लेकिन विक्रमसिंघे के कई समर्थक अभी भी पद पर बने हुए हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार विक्रमसिंघे इस मामले पर अंतिम निर्णय लेने के लिए मंगलवार को यूएनएफ के घटक दल के नेताओं के साथ एक और बैठक करेंगे।