ताइवान का आरोप है कि चीन टीकों की सप्लाई पर लगाम लगाना चाहता है। इस साल की शुरुआत में कोरोना वायरस से कई देश अपनी आबादी का टीकाकरण करने के लिए दौड़ पड़े, ताइवान में पहले इस तरह की कोई जल्दबाजी नहीं थी। यहां पर संक्रमण के मामले बहुत कम थे। टीके की मांग इतनी कम थी कि आबादी के एक प्रतिशत को ही वैक्सीन दी गई।
चीन की वैक्सीन विकल्प बन सकती थी
मगर अब इस महामारी ने चीजें बदल दी हैं। ताइवान में बीते एक सप्ताह में एक हजार से अधिक नए मामलों की रिपोर्ट दर्ज की गई है। इस आबादी को वैक्सीन लगाना मुश्किल हो रहा है। अब ताइवान की सरकार संयुक्त राज्य अमरीका द्वारा भेजी जा रहीं वैक्सीन का इंतजार कर रहा है। उसके सामने चीन की वैक्सीन विकल्प बन सकती थी। मगर हाल में चीन और ताइवान के बीच हुए तनाव के कारण ऐसा करना मुश्किल है।
सप्लाई चेन को खत्म करने की कोशिश
ताइवान ने कहना है कि चीन उसके यहां पर होने वाली सप्लाई चेन को खत्म करने की कोशिश में लगा हुआ है। हाल ही में उसकी जर्मनी कंपनी बायोएनटेक के साथ डील हुई थी। बाद में चीन के हस्ताक्षेप के कारण यह डील कैंसल हो गई। कई देशों में बायोएनटेक और फाइजर मिलकर वैक्सीन तैयार कर रहे हैं। बायोएनटेक इन देशों में फाइजर वैक्सीन का आपूर्तिकर्ता है।